स्कूलों में संस्कृत सप्ताह
स्कूलों में संस्कृत सप्ताह

रायपुर । प्रदेश के विद्यालयों में संस्कृत सप्ताह का आयोजन श्रावण मास में श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक मनाया जाता है। इस वर्ष स्कूलों में संस्कृत सप्ताह का आयोजन 19 अगस्त से 25 अगस्त तक किया जाएगा।

संस्कृत भाषा की महत्ता का प्रतिपादन

इसके अंतर्गत संस्कृत भाषा की महत्ता का प्रतिपादन, श्लोकपाठ, अंताक्षरी, सूक्तिवाचन सहित संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए रैली निकालकर आयोजन किया जाएगा। संस्कृत विद्यामंडलम् द्वारा संस्कृत सप्ताह के आयोजन के संबंध में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है।

प्रथम दिवस

संस्कृत सप्ताह के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 19 अगस्त को प्रथम दिवस सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन के साथ संस्कृत सप्ताह प्रारंभ की घोषणा के साथ स्कूलों में संस्था प्रमुख द्वारा संस्कृत की महत्ता पर उद्बोधन एवं संस्कृत साहित्य, ग्रंथ एवं संस्कृत से संबंधित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना है।

द्वितीय दिवस

द्वितीय दिवस 20 अगस्त को दीर्घ अवकाश के पश्चात् विद्यालय के विद्यार्थियों को इकठ्ठा कर संस्कृत की महत्ता पर छात्र-छात्राओं की अभिव्यक्ति एवं चिन्हांकित विषयों- संस्कृत से प्रभावित है भारतीय संस्कृति, सभी भाषाओं की जननी है संस्कृत, संस्कृत पढ़ने से लाभ, संस्कृत और संस्कार और संस्कृत भाषा नैतिक मूल्यों की भाषा है, पर निबंध लेखन।

तृतीय दिवस

तृतीय दिवस 21 अगस्त को संस्कृत श्लोकों का सस्वरवाचन, संस्कृत संभाषण, संस्कृत सुभाषित श्लोक और उनका अर्थ बताना, संस्कृत पाठ्यपुस्तकों पर आधारित संस्कृत नाटकों का मंचन का कार्यक्रम किया जाना है।

चतुर्थ दिवस

इसी प्रकार चतुर्थ दिवस 22 अगस्त (रक्षा बंधन) के दिन संस्कृत भाषा के वेद, उपनिषद, ब्राम्हण ग्रंथ, आरण्यक आदि विषयों को आधार बनाकर विद्वानों के विचार आमंत्रित कर संगोष्ठी का आयोजन एवं सम्मान किया जाए। इस आयोजन में छात्रों को भी शामिल करें। संगोष्ठि विषय शालेय शिक्षा में संस्कृत भाषा का विकास, संस्कृत में विज्ञान रखा जाए। रक्षा बंधन के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है। अवकाश के कारण यह कार्यक्रम सुविधा से आयोजित किया जाए।

पंचम दिवस

पंचम दिवस 23 अगस्त को संस्कृत के सेवानिवृत्त शिक्षक, छात्र, संस्कृत शिक्षकों का सम्मान किया जाए। संस्कृत भाषा का अध्ययन जरूरी है या नहीं है, विषय पर परिचर्चा (वाद-विवाद) का आयोजन किया जाए।

षष्ठम दिवस

षष्ठम दिवस 24 अगस्त को संकुल स्तर पर आयोजन संस्कृत के विभूतियों कालिदास, पाणिनी, महर्षि वेदव्यास, वाल्मीकि और अन्य संस्कृत विद्वानों की कृतियों पर चर्चा एवं हिन्दी की छोटी-छोटी कहानियों का संस्कृत में अनुवाद करते हुए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए।

सप्तम दिवस

सप्तम दिवस 25 अगस्त को विद्यालय स्तर पर पूर्व सम्पादित गतिविधियों का संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण, ग्राम एवं कसबे के प्रमुख एवं जनप्रतिनिधि, क्षेत्रीय संस्कृत के विद्वान को मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि एवं अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित कर संस्कृत सप्ताह समापन समारोह का आयोजन किया जाए। इस दिन संक्षिप्त रैली भी निकाली जा सकती है, जिसमें संभावित नारे – जयतु जयतु संस्कृत भाषा, वदतु वदतु संस्कृत भाषा, मधुराभाषा संस्कृत भाषा, संस्कृतरक्षा संस्कृतिरक्षा, वदतुसंस्कृतम् पठतु संस्कृतम्, जयतु छत्तीसगढ़म् जयतु भारतम् का उपयोग किया जा सकता है।

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