बालोद जिले में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन की बदहाली रेलवे विभाग के दावों की पोल खोल रही है! यात्रियों को धूप में बैठकर ट्रेन का इंतज़ार करना पड़ रहा है और सीढ़ियों के अभाव में वे रेलवे ट्रैक क्रॉस करके अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
क्या है समस्या?
- बालोद रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य सालों से अधूरा है।
- सेड निर्माण, वेटिंग हॉल, सीढ़ी निर्माण, टिकट काउंटर जैसे महत्वपूर्ण काम अभी भी अधूरे हैं।
- स्टेशन पहुँच मार्ग भी बदहाल है।
किसानों को परेशानी:
- बालोद रेक पॉइंट से रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है, लेकिन स्टेशन में यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है।
क्या है रेलवे का दावा?
- रेलवे का दावा है कि “अमृत भारत स्टेशन योजना” के तहत बालोद रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है और यह 6 महीनों में तैयार हो जाएगा।
लेकिन 7 महीने बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। यह दिखाता है कि रेलवे विभाग अपने दावों पर खरा नहीं उतर रहा है।
यह घटना बालोद के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। उनसे अपील है कि वे अपनी समस्या को रेलवे विभाग के सामने रखें और इस निर्माण कार्य को तेज़ करने के लिए दबाव बनाएं।