बलौदाबाजार जिले के वनांचल ग्राम बल्दाकछार में रहने वाले ममता कमार और उनके परिवार के जीवन में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ने एक नई रोशनी ला दी है। इस योजना के तहत उन्हें पक्का मकान मिलने से उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा की भावना पैदा हो गई है।
कमार परिवार की कहानी:
- कमार परिवार का जीवन-यापन बांस के कार्य पर निर्भर है, जो एक पारंपरिक और श्रमसाध्य कार्य है।
- परिवार के लिए एक स्थायी और सुरक्षित छत का सपना अधूरा था।
- पहले वे एक कच्चे मकान में रहते थे, जहां मौसम की मार से बचना हमेशा एक चुनौती रहती थी।
- परिवार में ममता और पंचराम की तीन बेटियाँ हैं – नंदनी (10 साल), निधि (7 साल) और लवली (3 साल)।
प्रधानमंत्री आवास योजना से जीवन में आया बदलाव:
- इस योजना से उन्हें पक्का मकान मिलने से अब वे एक सुरक्षित और मजबूत घर में रह रहे हैं।
- ममता और उनका परिवार अब बिना किसी चिंता के अपने भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।
- ममता ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया।
- उन्होंने कहा कि इस पक्के मकान ने उनके परिवार के जीवन को एक नई दिशा दी है और उनकी बेटियों के भविष्य के प्रति उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया है।
ममता का संघर्ष:
- ममता परंपरागत रूप से बांस शिल्प की कला कृति बनाकर और कृषि के समय कृषक मजदूरी करके जीविकोपार्जन करती हैं।
- पहले आर्थिक तंगी के कारण वह बांस शिल्प बनाने के लिए बांस नहीं खरीद पाती थी।
- महतारी वंदन योजना से उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये मिलते हैं, जिसका उपयोग वह बांस खरीदने में करती हैं।
- अब वह झेंझरी, सुपा, पर्रा, टुकनी सहित अन्य सजावटी वस्तुएं अधिक संख्या में बना पाती हैं।
- इससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी मिल रही है, जिसमें से बचत कर वो अपनी बेटियों को शिक्षित कर रही हैं।
कमाल परिवार की कहानी प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभाव और महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।