श्री नारायणा हॉस्पिटल में स्तनपान जागरूकता अभियान: जानें विशेषज्ञों की राय
श्री नारायणा हॉस्पिटल में स्तनपान जागरूकता अभियान: जानें विशेषज्ञों की राय

रायपुर, छत्तीसगढ़ – स्तनपान के महत्व को उजागर करने के लिए श्री नारायणा हॉस्पिटल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चिकित्सा विशेषज्ञों ने मां के दूध के अनमोल गुणों पर प्रकाश डाला और इसे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए “जीवन का अमृत” बताया।

डॉ. संजना खेमका अग्रवाल, प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ, ने कहा, “मां का दूध एक ऐसा प्राकृतिक चमत्कार है, जिसे किसी भी प्रयोगशाला में नहीं बनाया जा सकता। यह न केवल बच्चे के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है।”

उन्होंने आगे बताया कि स्तनपान से मां और बच्चे के बीच एक अद्वितीय भावनात्मक बंधन भी विकसित होता है, जो बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डॉ. अंकिता पटेल, बाल रोग विशेषज्ञ, ने स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा, “एक संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा युक्त भोजन से न केवल मां का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, बल्कि दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।”

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डॉ. पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि कई माताएं यह गलत धारणा रखती हैं कि उनके शरीर में पर्याप्त दूध नहीं बनता। “यह एक मिथक है,” उन्होंने कहा। “जितना अधिक बच्चा स्तनपान करेगा, उतना ही अधिक दूध का उत्पादन होगा। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो मांग और आपूर्ति के सिद्धांत पर काम करती है।”

डॉ. विनिया मैयस्कर ने इस वर्ष के विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम “Closing the Gap, Breastfeeding for All” के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि 2025 तक कम से कम 70% नवजात शिशुओं को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराया जाए। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें समाज के हर वर्ग तक पहुंचना होगा और स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलानी होगी।”

कार्यक्रम में श्री नारायणा नर्सिंग इंस्टीट्यूट के छात्रों द्वारा तैयार किए गए पोस्टरों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें स्तनपान के फायदों और सही तकनीकों को दर्शाया गया था।

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इस महत्वपूर्ण पहल में अस्पताल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और नर्सिंग स्टाफ भी शामिल हुए, जिन्होंने इस मुद्दे पर जन जागरूकता बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।

समापन में, डॉ. मेघा खेमका, श्री नारायणा हॉस्पिटल की प्रबंध निदेशक, ने कहा, “स्तनपान केवल एक पोषण का स्रोत नहीं है, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो मां और बच्चे दोनों के जीवन को समृद्ध बनाती है। हमारा लक्ष्य है कि हर मां को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित और समर्थित किया जाए, ताकि हर बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सके।”

यह कार्यक्रम न केवल स्तनपान के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट होकर बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम करना चाहिए।

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