छत्तीसगढ़: ‘दादी-दादा दिवस’ का अनोखा त्योहार – बुजुर्गों का सम्मान और स्वास्थ्य का उत्सव!
छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘सुशासन तिहार’ के बाद एक और अनोखा पहल की है – ‘दादी-दादा दिवस’! जी हाँ, 4 जून को पूरे प्रदेश में बुजुर्गों के स्वास्थ्य और सम्मान का जश्न मनाया जाएगा। यह पहल सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे समाज के सबसे अनुभवी और प्यारे सदस्यों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है।
बुजुर्गों के लिए समर्पित स्वास्थ्य मेला
इस खास दिन को और भी यादगार बनाने के लिए, प्रदेश के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में एक विशेष स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जाएगा। यहाँ बुजुर्गों को मुफ्त स्वास्थ्य जाँच, परामर्श और जरूरी दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाएंगी। सोचिए, कितना अच्छा होगा जब हमारे दादा-दादी, नाना-नानी, बिना किसी परेशानी के, बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें!
मुझे खुद याद आता है, जब मेरी दादी हमेशा अपनी छोटी-मोटी बीमारियों के लिए शहर के अस्पताल के चक्कर लगाती थीं। उनकी परेशानी देखकर मुझे बहुत दुख होता था। ‘दादी-दादा दिवस’ जैसी पहल से, मुझे लगता है, ऐसे कई बुजुर्गों को राहत मिलेगी।
मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी बनेंगे हिस्सा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देशानुसार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सभी जिलों में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इस अभियान में अहम भूमिका निभाएँगे। वे अपने-अपने क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को अपने दादा-दादी, नाना-नानी को स्वास्थ्य मेले में लाने के लिए प्रेरित करेंगे।
एक नया अध्याय, एक नई शुरुआत
यह पहल सिर्फ़ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि बुजुर्गों के प्रति समाज के रवैये में बदलाव लाने की शुरुआत है। आइए, हम सब मिलकर इस ‘दादी-दादा दिवस’ को सफल बनाएँ और अपने बुजुर्गों को उनके योगदान और प्यार के लिए धन्यवाद दें। उनके अनुभव, ज्ञान और आशीर्वाद हमारे जीवन का एक अनमोल हिस्सा हैं।