मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर छत्तीसगढ़ के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय एकता और सद्भावना का प्रतीक बताया है।
साय ने कहा कि हिंदी की सहजता और सरलता ने देश को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई है। यह भाषा अत्यंत समृद्ध और जीवंत है, और इसका स्वरूप समावेशी है। इसकी लिपि देवनागरी, विश्व की सबसे पुरानी और वैज्ञानिक लिपियों में से एक है।
हिंदी के गुण इसे केवल एक भाषा से बढ़कर एक संस्कृति के रूप में स्थापित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है कि भाषा के माध्यम से हम अपनी पहचान और संस्कृति को संरक्षित कर सकते हैं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे हिंदी को प्रोत्साहित करें और इसका अधिक से अधिक उपयोग करें। साय ने कहा कि मातृभाषा की उन्नति बिना, किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है। राजभाषा के गौरव और महत्व को आगे बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
मुख्यमंत्री का यह संदेश हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और प्रोत्साहन का संदेश है। यह छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी मातृभाषा के महत्व को समझने और इसका उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है।