आज के इस आधुनिक दौर में, बढ़ती जनसंख्या और जल की बढ़ती मांग ने धरती के पानी के स्तर को कम कर दिया है। हाल ही में, गर्मियों के महीनों में कई बड़े शहरों में पानी की किल्लत की गंभीर समस्या देखने को मिली, जिसके कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। यह समस्या प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रमुखता से दिखाई दी।
इस समस्या का समाधान निकालने के लिए, धमतरी के कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सराहनीय पहल की है – अमृत सरोवरों का निर्माण। जिले के चारों विकासखंडों में कुल 119 अमृत सरोवर बनाए गए हैं, जिनमें से धमतरी में 23, कुरूद में 38, मगरलोड में 29 और नगरी विकासखंड में 29 अमृत सरोवर शामिल हैं।
कन्हारपुरी का अमृत सरोवर: प्रदेश का सबसे बड़ा
इन अमृत सरोवरों में से एक, धमतरी जिले के कन्हारपुरी गांव में बना अमृत सरोवर, प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस तालाब की सबसे खास बात यह है कि जितनी लागत इस सरोवर को बनाने में आई, उससे अधिक आय भी पंचायत को हुई। यह संभव हो पाया संसाधनों के बेहतर उपयोग से।
इस तालाब ने न सिर्फ किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान की है बल्कि ग्रामीणों को साल भर निस्तारी की समस्या से भी मुक्ति दिलाई है, साथ ही भूमि का जलस्तर भी बनाए रखा है।
रेलवे की मदद से अमृत सरोवर का निर्माण
यह सरोवर एक अनोखी साझेदारी का नतीजा है। कन्हारपुरी व आसपास के इलाकों में रेलवे द्वारा ब्रॉडगेज का काम चल रहा है। रेलवे को पटरी बिछाने के लिए मुरुम और मिट्टी की जरूरत थी। कलेक्टर गांधी ने रेलवे अधिकारियों से चर्चा कर कन्हारपुरी ग्राम पंचायत के साथ एक समझौता किया, जिसके तहत रेलवे ने मिट्टी निकालने की अनुमति दी। यह मिट्टी कन्हारपुरी गांव के मुरा तालाब से निकाली गई, जहां तालाब का गहरीकरण किया जा रहा था। रेलवे ने तालाब की आवश्यकतानुसार खुदाई का काम किया, जिससे तालाब की पूरी तस्वीर ही बदल गई।
इस तालाब में बारिश के मौसम में पानी के भराव के साथ ही हरियाली की चादर बिछी हुई नजर आती है। तालाब के आसपास के 46 किसानों की 70 एकड़ फसल को अब सिंचाई सुविधा मिलेगी। इन किसानों को सिंचाई की अब कोई चिंता नहीं रहेगी।
पंचायत को रायल्टी से मिलेंगे 12 लाख रुपए
रेलवे से समझौता के तहत, गांव से मिट्टी निकालने के बदले रायल्टी की राशि पंचायत को जमा की जाएगी। रेलवे विभाग कन्हारपुरी पंचायत को लगभग 12 लाख रुपए देगा। इस राशि से गांव के विकास की एक अलग योजना बनाई जाएगी।
मुरा तालाब का कुल क्षेत्रफल 09 एकड़ है। गहरीकरण से पहले इस तालाब की जलधारण क्षमता 32,400 घनमीटर थी जो अब बढ़कर 57,800 घनमीटर हो गई है।
जल जगार महोत्सव का आयोजन
इन सफल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए, 5 और 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल जगार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में जिले के 108 अमृत सरोवरों के जल से रूद्राभिषेक, हाफ मैराथन, आसमान से कहानी, आकर्षक और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, नवरात्रि मेला, कबाड़ से जुगाड़, रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। कलेक्टर गांधी ने इस महोत्सव में अधिक से अधिक लोगों से शामिल होने और जल संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाने की अपील की है।