छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए आज सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को पूरे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की निगरानी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है ताकि आम नागरिक शांति से रह सकें। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
क्या है मामला?
- हाईकोर्ट ने भिलाई में हुई एक गंभीर घटना का उल्लेख किया, जहाँ एक व्यक्ति ने तेज आवाज में डीजे बजाने के खिलाफ अनुरोध करने पर अनसुना किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी।
- कोर्ट ने कहा कि डीजे को उतनी ही आवाज में बजाने की अनुमति दी जानी चाहिए जितनी आवाज में स्पीकर्स और साउंड बॉक्स को बजाने की अनुमति है।
क्या है हाईकोर्ट की चिंता?
- कोर्ट ने नागरिकों के अधिकारों के प्रति जागरूकता और कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी की कमी पर चिंता व्यक्त की।
- कोर्ट ने कहा कि तेज आवाज में डीजे बजने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है और आत्महत्या जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं।
क्या है आगे की योजना?
- बिलासपुर एसपी ने शपथपत्र पेश किया और महाधिवक्ता ने कहा कि अनुमति योग्य आवाज में साउंड सिस्टम रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।