छत्तीसगढ़ में तकनीक और उद्यमिता का जादू: राज्यपाल ने सीएसवीटीयू फाउंडेशन के स्टार्टअप्स का किया उत्साहवर्धन!
छत्तीसगढ़ में तकनीक और उद्यमिता का जादू: राज्यपाल ने सीएसवीटीयू फाउंडेशन के स्टार्टअप्स का किया उत्साहवर्धन!

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) के फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप (फोर्ट) के प्रतिनिधियों और स्टार्टअप्स ने आज राज्यपाल महोदय से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात का मकसद छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को टेक्नोलॉजी और उद्यमिता से सशक्त बनाना है।

मुलाक़ात में 6 प्रमुख स्टार्टअप्स ने अपनी प्रस्तुतियां दीं, जो छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास में क्रांति लाने का वादा कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स हैं:

  • आरूग: विनिता पटेल के नेतृत्व में, आरूग जनजातीय महिलाओं के लिए पुनरू प्रयोज्य सैनिटरी नैपकिन बना रहा है। राज्यपाल महोदय इस स्टार्टअप की उपलब्धियों और महिलाओं के लिए इसके प्रभाव से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने विनिता पटेल के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का दौरा करने की इच्छा जताई।
  • आत्मनिर्भर गांव: डॉ. आर.एन. पटेल और राहुल बघेल के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सौर ऊर्जा आधारित उपकरण विकसित कर रहा है। राज्यपाल ने इस विचार को बहुत रोचक पाया और समाधान की लागत प्रभावशीलता और विस्तार क्षमता पर ध्यान देने का सुझाव दिया।
  • करण चंद्राकर: करण चंद्राकर केले के अपशिष्ट से कपड़ा, उर्वरक और ईंटें बना रहे हैं। राज्यपाल ने ईंटों की मजबूती के बारे में जानकारी ली और प्रोटोटाइप परिणामों से संतुष्ट हुए।
  • वॉबल लैब्स: यह स्टार्टअप ड्रोन तकनीक पर आधारित है और ड्रोन दीदी योजना पर भी काम कर रहा है। राज्यपाल महोदय ने संस्थापकों को उनके स्टार्टअप के विस्तार के लिए कई सुझाव और समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि तकनीकी विश्वविद्यालय ड्रोन क्लब स्थापित करे, ताकि छात्रों को ड्रोन तकनीक से सुसज्जित किया जा सके।
  • कोशल आर्ट्स: अंकित बंजारे के नेतृत्व में, यह स्टार्टअप छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला को पुनर्जीवित कर रहा है और इसे वैश्विक बाजार तक पहुँचाने का काम कर रहा है। राज्यपाल ने इसे ग्रामीण आजीविका सुधारने के लिए बहुत महत्वपूर्ण पाया और किफायती उत्पादों के लिए फाइबर ग्लास का उपयोग करने का सुझाव दिया।
  • छत्तीसगढ़ इंस्टेंट मिलेट फूड प्राइवेट लिमिटेड: यह स्टार्टअप एनीमिया और कुपोषण से लड़ने वाले रेडी-टू-ईट उत्पाद विकसित कर रहा है। राज्यपाल महोदय इस स्टार्टअप से बहुत प्रभावित हुए।
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राज्यपाल महोदय ने सीएसवीटीयू फाउंडेशन के इन होनहार उद्यमियों के साथ पर्याप्त समय बिताया और उन्हें आश्वस्त किया कि राजभवन से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने सहकार भारती के साथ फोर्ट के सहयोग को ग्रामीण समुदाय की आजीविका के लिए एक बड़ा कदम बताया और इसकी सराहना की।

इस मुलाक़ात से सभी स्टार्टअप्स को अत्यधिक प्रेरणा मिली है और राज्यपाल महोदय के बहुमूल्य मार्गदर्शन के लिए सभी ने उन्हें धन्यवाद ज्ञापन किया।

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