तखतपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक हो गई है। यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है, जो कि एक गंभीर मामला है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों की मिलीभगत से एक बड़ा घोटाला चल रहा है, जिसके कारण मरीजों को आपातकालीन सेवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है।
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 108 एंबुलेंस के चालक जानबूझकर वाहनों के GPS सिस्टम को बंद कर देते हैं। इसका मकसद मरीजों को मजबूर करना है कि वे महंगी निजी एंबुलेंस सेवाओं का उपयोग करें। यह न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनी तौर पर भी अपराध की श्रेणी में आता है।

एक हालिया घटना में, एक सड़क दुर्घटना में घायल युवक को तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। डॉक्टरों ने उसे गंभीर स्थिति के कारण सिम्स अस्पताल, बिलासपुर रेफर किया। परिवार ने तुरंत 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची। बाद में पता चला कि एंबुलेंस अस्पताल के पीछे ही खड़ी थी, लेकिन कर्मचारियों ने जानबूझकर सेवा देने से इनकार कर दिया।
इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। मरीज की बहन रजनी गंधर्व ने बताया, “हमने कई बार 108 को कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हमें मजबूरन एक निजी एंबुलेंस बुलानी पड़ी, जिसके लिए हमें बहुत अधिक पैसे देने पड़े।”
इस मामले की जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। पता चला है कि कुछ निजी एंबुलेंस संचालक 108 कर्मियों के रिश्तेदार हैं। वे मिलकर इस अवैध धंधे को चला रहे हैं, जिससे गरीब मरीजों को भारी नुकसान हो रहा है।
युवा कार्यकर्ता आयुष सिंह ठाकुर ने इस मामले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “यह एक संगठित अपराध है। 108 कर्मचारी और निजी एंबुलेंस मालिक मिलकर लोगों का शोषण कर रहे हैं। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।”
इस गंभीर मामले की शिकायत बिलासपुर के कलेक्टर अवनीश शरण से की गई है। उम्मीद है कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे।
तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. उमेश साहू ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम इस घटना की गहन जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि क्षेत्र के सभी लोगों को समय पर और सुचारू रूप से आपातकालीन सेवाएं मिलें।”
यह मामला तखतपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति को दर्शाता है। आम जनता की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से ले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। यह न केवल तखतपुर, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है।