राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को फिजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी” से सम्मानित किया गया है। यह खबर भारत भर में गर्व और उत्साह का विषय बन गई है। इस ऐतिहासिक क्षण पर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी हार्दिक बधाई व्यक्त की है।
श्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने इस उपलब्धि को “गौरवान्वित हुआ भारतवर्ष” के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल राष्ट्रपति मुर्मु के लिए, बल्कि समस्त भारतवासियों के लिए एक गौरवशाली क्षण है।
मुख्यमंत्री ने इस सम्मान को भारत और फिजी के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुरस्कार दोनों देशों के बीच नए और गहरे संबंधों की नींव रखेगा।
राष्ट्रपति मुर्मु की यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। उनका यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह भारत की विविधता और समावेशी नेतृत्व की भावना का भी प्रतीक है।
इस अवसर पर, श्री साय ने सभी भारतीयों को बधाई दी और “जय हिंद” के नारे के साथ अपना संदेश समाप्त किया। उनके इस कदम ने राष्ट्रीय एकता और गौरव की भावना को और मजबूत किया है।
यह घटना भारत-फिजी संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंध हैं, जो गिरमिटिया मजदूरों के इतिहास से जुड़े हैं। यह सम्मान उन संबंधों को और गहरा करने में मदद करेगा और दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
इस घटना से न केवल भारत और फिजी, बल्कि पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका का संकेत मिलता है। यह क्षेत्रीय सहयोग और विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।