सुकमा में कृषि सखियों का प्रशिक्षण: मछली पालन से लेकर जैविक खेती तक!
सुकमा में कृषि सखियों का प्रशिक्षण: मछली पालन से लेकर जैविक खेती तक!

सुकमा के कृषि विज्ञान केन्द्र ने 21 से 23 अक्टूबर, 2024 तक एक तीन दिवसीय आवासीय कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। एनआरएलएम योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में सुकमा और छिन्दगढ़ विकास खंड से कुल 30 कृषि सखियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों ने कृषि सखियों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया। डॉ. संजय सिंह राठौर, कार्यक्रम सहायक (मत्स्यपालन), ने तालाबों में वैज्ञानिक विधि से मछली पालन की जानकारी दी। डॉ. परमानंद साहू, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि अभियांत्रिकी), ने आधुनिक खेती में कृषि यंत्रीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। कैलाश मरकाम, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, ने जैविक खेती के बारे में बताया। एस.पी. तिवारी, जिला प्रबंधक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला पंचायत, सुकमा ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इसके अलावा, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख एच.एस. तोमर ने प्रमुख रबी फसलों की खेती के बारे में जानकारी देते हुए, जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। पी.आर. बघेल, जिले के उपसंचालक कृषि, ने कृषि विभाग की योजनाओं के साथ-साथ मिलेट्स की खेती और गौ पालन के महत्व पर प्रकाश डाला।

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कार्यक्रम के अंत में, सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र और कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित अग्रिम तिलहन समूह फसल प्रदर्शन के अंतर्गत सरसों बीज का वितरण किया गया। ध्यान दें कि इस वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा रबी मौसम में 200 एकड़ क्षेत्रफल में सरसों फसल की उन्नत खेती हेतु प्रदर्शन लगाए जा रहे हैं।

इस कार्यक्रम का समापन डॉ. परमानंद साहू द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापन अर्पित करके किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि सखियों को आधुनिक खेती के तरीकों से अवगत कराने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।