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जगदलपुर 02 जून 2021

 कैंसर अब एक सामान्य रोग है जो हर 10 में से एक भारतीय को अपने जीवन काल में कैंसर होने की संभावना बनी रहती है कैंसर किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है परंतु यदि रोग का निदान प्रारंभिक अवस्था से ही कैंसर विशेषज्ञ के परामर्श से चालू किया जाए तो इसका पूर्ण उपचार संभव है। एक अनुमान है कि छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष लगभग 35 हजार नए कैंसर मरीज होते हैं किंतु राज्य में वर्तमान में शासकीय तथा निजी संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कैंसर उपचार सुविधाओं में 8 से 9 हजार मरीज ही इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं बाकी मरीज या तो आधा अधूरा इलाज करवाते हैं या बिना इलाज के ही काल के ग्रास में समा रहे हैं बिना इलाज के कैंसर शत-प्रतिशत जानलेवा है।

बस्तर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएएम) के तहत गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम  (एनसीडी ) के अंतर्गत महारानी जिला चिकित्सालय में दीर्घायु वार्ड के माध्यम से कैंसर मरीजों को निशुल्क उपचार कीमोथेरेपी, पैलिएटिव थेरेपी तथा अन्य कैंसर संबंधी सुविधाएं उपलब्ध है तथा वर्तमान में शासन द्वारा इन सुविधाओं को विस्तार देते हुए जिला चिकित्सालय में एक कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ भंवरलाल शर्मा की पदस्थापना भी की गई है अल्प अवधि में दीर्घायु वार्ड के माध्यम से अब तक कुल 225 मरीजों कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी  दी जा चुकी है अब तक लगभग 910 कैंसर परामर्श 3 सीटी गाइडेड बायोप्सी 12 बायोप्सी तथा कई एफएनएसी  व बोन मैरो एस्पिरेशन जैसी अन्य आधुनिक जांचें जिला अस्पताल में निरंतर की जा रही है।

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कोरोना के चुनौतीपूर्ण समय में यह दीर्घायु वार्ड संभाग के कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है वह मरीज जो अपना कैंसर इलाज अन्य बड़े शहरों जैसे कि मुंबई विशाखापट्टनम रायपुर इत्यादि में करवा रहे थे वह भी अब यहां रुक कर  इलाज बिना किसी व्यय के जिले के अंदर ही प्राप्त कर रहे हैं। बड़े शहरों में तथा निजी क्षेत्र में कैंसर का इलाज करवाना अपने आप में एक बहुत बड़ी आर्थिक चुनौती होती है स्थानीय स्तर पर इस तरह का विश्वस्तरीय इलाज प्राप्त होना संभाग के  कैंसर  मरीजो के लिए  निश्चिती ही किसी वरदान से कम नही है तथा बार-बार बड़े शहरों के चक्कर लगाने से कैंसर मरीजों को अब निजात प्राप्त हो रहा है।

डॉ भंवरलाल शर्मा कैंसर विशेषज्ञ ने चर्चा के दौरान बताया कि कुल 225 कीमोथेरेपी के मरीजों में मुख्य रूप से मुख तथा गले का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय के मुख्य द्वार का कैंसर, लिंफोमा प्रमुख है जिले में तथा संभाग में मुख्य तथा गले का कैंसर वर्तमान में उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर सबसे बड़ी चुनौती है इसका प्रमुख कारण धूम्रपान तथा तंबाकू का सेवन है चर्चा में डॉ भंवरलाल शर्मा ने बताया कि यह सभी मरीज जिन्हें कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध हुई है यह पूर्णता निशुल्क उपलब्ध हुई है इसके लिए आवश्यक महंगी से महंगी विश्व स्तरीय कीमोथेरेपी की दवाइयां निरंतर रूप से उपलब्ध होती रहे इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजन तथा जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ संजय प्रसाद हमेशा सजग रहते हैं क्षेत्र में दीर्घायु वार्ड कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। कैंसर संबंधित सुविधाओं को आगे और सुदृढ़ किया जाएगा तथा जिले में तथा संभाग के अन्य जिलों में समय-समय पर कैंसर स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे। कैंसर उपचार के संबंध में चर्चा के दौरान डॉ भंवरलाल शर्मा ने बताया कि कैंसर की इलाज में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज तथा परिजन बीमारी का पता चलने के पश्चात समय व्यर्थ बर्बाद ना करें इससे प्रारंभिक चरणों का कैंसर बढ़कर एडवांस स्टेज का कैंसर बन जाता है इसका उपचार और चुनौतीपूर्ण हो जाता है कैंसर उपचार के दौरान मरीज को परिवार का पूरा साथ मिलना बहुत आवश्यक होता है कैंसर की लड़ाई जीतने के लिए मरीज को समय-समय पर कीमो थेरेपी रेडियोथैरेपी तथा शल्य क्रियाओं से गुजरना पड़ता है इसके लिए परिजनों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।

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Source: http://dprcg.gov.in/