कलेक्टर श्री दीपक सोनी की पहल से शुरू हुए प्रोजेक्ट

दंतेवाड़ा,1 जून 2021

 कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जिले की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा निर्मित छिन्दनार, नेरली एवं धुरली वाटर प्रोजेक्ट से लगभग 34 गॉंवों से अधिक गॉवों में जल आपूर्ति की जा रही है। ये प्रोजेक्ट पिछले कई सालों से निर्माणाधीन थे जिसे कलेक्टर श्री सोनी की पहल एवं नेतृत्व में अब पूर्ण हो चुके है, और हजारों ग्रामीणों की प्यास बुझा रही है।

छिंदनार ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना से 1. छिंदनार 2. कासोली 3. हिरानार 4. घोटपाल  5. रोंजे  6. हारम  7. हाऊरनार 8. जावंगा शिक्षा परिसर 9. नगर पंचायत गीदम ग्राम लाभान्वित हो रहे है। छ.ग. राज्य शासन ने 18 जून 2018 को प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की जिसकी स्वीकृति लागत रू. 2494.14 लाख है।  

            वर्ष 2012 में, इन्द्रावती नदी के जल स्त्रोत के माध्यम से विकास खंड गीदम के ग्राम छिंदनार, कासोली, हिरानार, घोटपाल, रोंजे, हारम, हाऊरनार, जावंगा (शिक्षा परिसर) एवं नगर पंचायत गीदम के लिये शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु सर्वेक्षण कर समूह जल प्रदाय योजना बनाई गई। जिसका कार्य वर्ष 2019 में पूर्ण कर योजना के समस्त अवयव जैसे इंटेकवेल, पाईप लाईन फिल्टर प्लांट का सम्पूर्ण परीक्षण के पश्चात् 03 जून 2020 को योजना का संचालन प्रारंभ किया गया। वर्त्तमान मे नगर पंचायत गीदम सहित सभी लाभान्वित ग्रामों के पेयजल उच्चस्तरीय टंकियों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। ग्रामों में पंचायतो के माध्यम से नल जल कनेक्शन प्रदान किये जा रहे है। वर्त्तमान में लगभग 28000 जनता को शुद्ध पेयजल प्रदाय किया जा रहा है।

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धुरली ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना से लाभान्वित ग्राम 1. गामावाड़ा 2. भांसी 3. बडेकमेली 4. पोरोकमेली  5. धुरली  6. दुगेली 7. गंजेनार 8. मसेनार 9. श्यामगीरी 10 खुटेपाल 11.नकुलनार 12. कुआकोंड़ा  13. गोंगपाल 14. हितावार 15. मैलावाड़ा 16. मोखपाल 17. हल्बारास  (विकास खंड दंतेवाड़ा एवं कुआकोंडा) हैं। योजना की प्रशासनिक स्वीकृति 1.एन.एम.डी.सी क्र. 1713, 30.मार्च 2017  (मूल स्वीकृति रू. 4238.00 लाख) 2.एन.एम.डी.सी क्र. 318, 11.जनवरी .2018 (संशोधित स्वीकृति रू. 3866.00 लाख)  एवं प्रस्तावित पुनरिक्षित लागत  रू. 4565.00 लाख हैं। पूर्व में विकासखंड दंतेवाड़ा एवं कुआकोंड़ा के अन्तर्गत पेयजल गुणवत्ता प्रभावित 17 नग ग्रामों में हेन्डपम्प एवं सोलर पम्प आधारित पेयजल प्रदाय किया जा रहा था। परंतु उक्त ग्रामों में भूमिगत जल स्त्रोत में बैलाडिला लौह अयस्क खदान में उत्खनन एवं लौह तत्व की अधिकता से लाल पानी होने से पेयजल गुणवत्ता प्रभावित थी। जिससे सुरक्षित पेयजल के अभाव में समस्या का सामना ग्रामीण जन को करना पड़ रहा था। उपरोक्त पेयजल समस्या को दृष्टिगत रखते हुए एवं निराकरण हेतु दंतेवाड़ा के समीप शंखनी-डंकनी नदी के जल स्त्रोत पर आधारित, उपरोक्त जल गुणवत्ता प्रभावित ग्रामों हेतु समूह जल प्रदाय योजना (धुरली) का प्रस्ताव तैयार करने हेतु स्वीकृति दी गई। तद्नुसार योजना के क्रियान्वयन स्वीकृति एन.एम.डी.सी.से प्राप्त हुई।

            उपरोक्त धुरली ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना के समस्त अवयवों का क्रियान्वयन वर्ष 2015-16  से प्रारंभ कर वर्ष 2019-20 तक पूर्ण कर आशिंक पेयजल प्रदाय प्रारंभ किया गया है, जिसमें ग्राम 1.गमावाड़ा 2. धुरली 3.भांसी 4. पोरोकमेली 5. बडेकमेली 6. दुगेली में जल प्रदाय किया जा रहा है, केवल योजना में प्रस्तावित  जल टंकी में से 03 नग उच्चस्तरीय  पेयजल टंकी का कार्य, योजना में धनराशि उपलब्ध ना होने से कार्य अधुरा है। वर्तमान में योजना में सम्मिलित ग्रामों के जल टंकियों में पेयजल प्रदाय कर, योजना संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्राम वासियों को शुद्ध जल उपलब्ध हो रहा है एवं घरेलू नल कनेक्शन लेने हेतु ग्राम एवं पंचायत स्तर पर मार्ग दर्शन दिया जा रहा है। इस योजना के 17 नग ग्रामों की 84 बसाहटो को शुद्ध पेयजल से लाभान्वित किया जा रहा है एवं लगभग 28000 जनसंख्या पेयजल से लाभान्वित हो रही है।

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नेरली ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित  ग्राम  1. नेरली 2. बहनार 3. पीनाबचेली 4. बेनपाल  5. मदाड़ी 6. चोलनार 7. कलेपाल 8. समलवार हैं। तकनीकी स्वीकृति 16 फरवरी 2016 प्रशासनिक स्वीकृति 11 जनवरी 2018 को प्रदान की गई  एवं  स्वीकृत लागत रू. 1482.55 लाख हैं। योजना में सम्मिलित ग्रामों में जल गुणवत्ता प्रभावित है, भूमिगत जल स्त्रोतों में लौह तत्व की अधिकता एवं मटमैलापन होने से क्षेत्र में सुरक्षित पेयजल व्यवस्था ना होने से ग्रामीण जल संकट से सामना कर रहे थे। ग्रीष्म में पेयजल संकट गंभीर होने से, उपरोक्त ग्राम जो कि, आदिवासी बाहुल्य है, पेयजल संकट के निराकरण की मांग कि गई। पेयजल समस्या के निराकरण हेतु नलकूप खनन कर हैन्डपम्प स्थापना एवं सोलर आधारित पेयजल व्यवस्था की गई, परंतु लौह तत्व की अधिकता भूमिगत जल स्त्रोत में निर्धारित मानक से ज्यादा होने से सतही जल स्त्रोत के रूप में ग्राम नेरली के निकट पहाड़ी नाला का चयन कर, समूह जल प्रदाय जल प्रदाय योजना (नेरली) तैयार की गई। इस योजना के सम्मिलित ग्राम आदिवासी बहुल्य एवं नक्सल प्रभावित है।

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कार्य के क्रियान्वयन मे कठिनाईयों का विभाग को समय-समय पर सामना करना पड़ रहा है। योजना के अधिकांश प्रमुख अवयवों का कार्य पूर्ण कर आंशिक जल प्रदाय अक्टूबर 2018 से ग्राम नेरली, बेहनार, पिनाबचेली में किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा पंचायत के माध्यम घरेलू नल कनेक्शन लिये जा रहे है एवं शुद्ध पेयजल से ग्रामवासी लाभान्वित हो रहे है। इसी प्रकार योजना में सम्मिलित ग्राम के अतिरिक्त नगर बचेली को कलेक्टर श्री दीपक सोनी दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के 10 जनवरी 2021 को बचेली दौरे के समय दिये गये निर्देशों के पारिपालन में 02 वार्ड के जटिल पेयजल समस्या का निदान इसी योजना के माध्यम से किया गया है। आंशिक जल प्रदाय के माध्यम से 03 ग्रामों एवं नगर बचेली के 16 बसाहटो के लगभग 4000 जनसंख्या पेयजल से लाभान्वित हो रही है। 

स.क्र./459

Source: http://dprcg.gov.in/