मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के दिए निर्देश
सूरजपुर 02 जून 2021
आज कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राहुल देव की उपस्थिति में वन विभाग के अधिकारियो की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि छत्तीसगढ़ राज्य में वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने हेतु “मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना“ प्रारंभ की जानी है जिससे अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जा सके।
उन्होनें योजना के उद्देश्य में बताया कि निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर ईमारती, गैर ईमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक, औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देना, पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों को कम करना है। कृषकों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करते हुये उनके आर्थिक सामाजिक स्तर में सुधार लाना है। छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने हेतु पात्र होंगे। जिस वन, राजस्व वन भूमि पर वनअधिकार पत्र दिये गये है, उस भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से ईमारती, फलदार, बांस, लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जायेगा।
कलेक्टर के कहा कि निजी क्षेत्र में पूर्व से खड़े वृक्ष तथा रोपित वृक्षों के लिये कटाई के अनुमति के प्रावधानों को और अधिक सरल तथा सुगम बनाया जायेगा। नागरिकों द्वारा स्वयं रोपित वृक्षों को परिवहन अनुज्ञा की अनिवार्यता से मुक्त किये जाने हेतु भारत सरकार के दिशा निर्देशों एवं अन्य राज्य में लागू प्रावधानों के अनुरूप ही नियम बनाये जायेंगे। ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से रूपये 10,000 (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
उन्होनें कहा कि किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष रूपये 10,000 (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
कलेक्टर ने कहा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद रूपये 10,000 (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृक्षों को काटने एवं विक्रय का अधिकार संबंधित समिति का होगा।
इस योजना के अंतर्गत कलेक्टर ने वनमण्डाधिकारी को निर्देश दिए कि वे अपने सभी फॉरेस्ट गार्ड को अपने-अपने कार्य क्षेत्र में 5-5 एकड़ में वृक्षारोपण का लक्ष्य दे एवं लक्ष्य पूर्ति के लिए प्रयास करें और समय-समय पर समीक्षा करें।
कलेक्टर ने वन विभाग के अंतर्गत चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की तथा उनमें प्रगति लाने के निर्देश दिये। जिले में लद्यु वनोपज के संग्रहण को कैसे बढ़ाया जाये इस संबंध में दिशा निर्देश दिए। वनो में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तथा इस संबंध में अवसंरचना निर्माण के लिए तथा किसी अन्य नवाचार के लिए वनमण्डाधिकारी को एक सप्ताह के अंतर्गत एक कम्पलीट प्लान करने को तैयार कहा है।
समाचार क्रमांक/1479/अजीत/2021
Source: http://dprcg.gov.in/