आत्मा नित्य सनातन एवं पुरातन है
आत्मा नित्य सनातन एवं पुरातन है

जांजगीर। मनुष्य जैसे पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र को धारण करता है ठीक वैसे ही यह जीवात्मा शरीर के जर्जर हो जाने पर उसे त्याग कर नये शरीर को धारण करता है यह भाव छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने जिला मुख्यालय जांजगीर के केरा रोड में थवाईत परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण में श्रोताओं को संबोधित करते हुए अभिव्यक्त किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज केरा रोड जांजगीर में फागूराम थवाइईत के परिवार के द्वारा अपने स्वजन की मृत्यु हो जाने के पश्चात उनकी मोक्ष प्राप्ति के निहितार्थ यह कार्यक्रम आयोजित किया है जिसमें व्यास पीठ पर श्री धाम वृंदावन से पधारे हुए श्री श्री 108 श्री हरे कृष्ण दास जी महाराज विराजित हैं! कार्यक्रम स्थल में पहुंचकर राजेश्री महन्त जी ने व्यासपीठ की पूजा अर्चना की।

परम सम्मानित आचार्य जी ने भी व्यासपीठ से अभिवादन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजक परिवार के द्वारा आत्मीयता पूर्वक स्वागत के पश्चात राजेश्री महन्त जी महाराज ने श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा श्रवण की और अपना आशीर्वचन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि इस परिवार ने अपने परिवार के सदस्य के दिवंगत हो जाने के पश्चात उनके मोक्ष प्राप्ति की कामना हेतु श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन किया है। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिस प्रकार से वस्त्र के पुराने हो जाने पर मनुष्य उसे त्याग कर नए वस्त्र को धारण करता है ठीक वैसे ही यह आत्मा शरीर के पुराने हो जाने पर उसे त्याग कर नए शरीर को धारण करता है! आत्मा नित्य, सनातन, और पुरातन है। इसका कभी भी नाश नहीं होता। मनुष्य तन धारण करने की सार्थकता इसी में है कि हम अपने जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग हरि नाम संकीर्तन में करें। हरि के नाम का सुमिरन करें इससे जीवन सुधर जाएगा।

राजा परीक्षित को जैसे ही अपनी मृत्यु का आभाष हुआ उन्होंने बचे हुए अपने जीवन के सात दिनों के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग भगवत भक्ति के लिए किया। अपने लिए व अपने वंशजों के लिए उसने मुक्ति का मार्ग बनाया। आयोजक परिवार ने भी अपने परिवार के सदस्य को खोया है भगवान राघवेंद्र सरकार से प्रार्थना है कि उन्हें चीर शांति प्रदान करें और इस धरा धाम के आवागमन से उन्हें दूर रखें। आचार्य जी के लिए उन्होंने कहा कि भगवान उन्हें सानंद रखें वे हमेशा पूरे भारतवर्ष में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते रहें यही ईश्वर से हमारी कामना है। इस अवसर पर विशेष रूप से राजेश्री महन्त जी महाराज के साथ कमलेश सिंह, प्रमोद सिंह, देव कुमार पांडे, अशोक शर्मा, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, सहित अनेक गणमान्य जन तथा थवाईत परिवार के सभी सदस्य एवं रिश्ते नातेदार बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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