आधुनिक पद्धति से सब्जी की खेती नेे खोली समृद्धि की राह
आधुनिक पद्धति से सब्जी की खेती नेे खोली समृद्धि की राह

रायपुर । परम्परागत ज्ञान के साथ आधुनिक तकनीक के विवेकपूर्ण प्रयोग से प्रगति के नये सोपान तय किये जा सकते हैं। यह साबित किया है जंगल और पहाड़ों के बीच बसे उत्तर बस्तर कांकेर के चारामा विकासखण्ड के छोटे से गांव सराधु-नवागांव के किसान श्री परमेश्वर रजक ने। सब्जी की खेती से उन्हें एक वर्ष में आठ लाख रूपये की आमदनी प्राप्त हुई है। श्री रजक परम्परागत सब्जी की

खेती को आधुनिक पद्धति से कर लखपति बनने के साथ दूसरे किसानों के लिए प्ररेणा स्त्रोत भी बन गये है। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु में दो एकड़ में करेला एवं बरबट्टी की फसल लेकर चार लाख रूपये कमाए हैं और इस वर्ष 22 जुलाई से अब तक चारामा मण्डी में लगभग एक लाख रूपये की सब्जी विक्रय किया है। सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर उन्होंने आधुनिक पद्धति से सब्जी की खेती करना शुरू किया।

उन्होंने उद्यानिकी विभाग से अपनी ढ़ाई एकड़ जमीन पर तार फेंसिंग कराने के लिए निःशुल्क तार मदद और ड्रिप सिस्टम के लिए 43 हजार रूपये के अनुदान का लाभ लिया और अब वे दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

श्री परमेश्वर ने बताया कि एम. कॉम. तक शिक्षित होने के बाद उन्होंने शासकीय नौकरी के लिए प्रयास किया गया, जिसमें सफलता नहीं मिलने पर वे धान की खेती करने लगे। धान की खेती में अपेक्षा के अनुरूप फायदा नहीं होने पर उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया।

अधिकारियों ने उन्हें शासन की योजनाओं,आधुनिक कृषि पद्धतियों के साथ ड्रिप पद्धति से सब्जी की खेती के बारे में बताया। इसके बाद श्री परमेश्वर ने विभागीय मदद से अपनी ढ़ाई एकड़ जमीन में धान के बदले आधुनिक पद्धति से सब्जी की खेती करना शुरू किया। उनके द्वारा एक एकड़ में बरबट्टी, एक एकड़ में करेला और आधा एकड़ में भिण्डी की खेती की जा रही है।

श्री परमेश्वर ने बताया कि वह प्रतिदिन सुबह चारामा जाकर वहां की मण्डी में सब्जी विक्रय करते है, इसके अलावा कोचिया लोग भी सब्जी खरीद कर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र ने हार्टिकल्चर में बीएससी किया है, वह भी सब्जी की खेती के तकनीकी पक्ष, सब्जी की गुणवत्ता और कीटनाशक दवाईयों का समय पर छिड़काव करने के बारे में बताता रहता है।

समय पर खाद और आवश्यक उपचार होने से अधिक मात्रा में सब्जी की पैदावार होने लगी है। श्री परमेश्वर ने बताया कि 04 अगस्त को उन्होंने 268 किलोग्राम बरबट्टी और 50 किलोग्राम करेला का विक्रय किया है। अब वे क्षेत्र के किसानों को परंपरागत कृषि के बदले आधुनिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहें हैं,जिससे उनके बीच आधुनिक खेती के लिए उत्साह बढ़ा है। किसानों के लिए हितकारी और मददगार योजनाओं के लिए श्री परमेश्वर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है।

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