बैक्टीरिया से बच्चे बीमार, ​​​​​​​लगाया गया हेल्थ कैंप
बैक्टीरिया से बच्चे बीमार, ​​​​​​​लगाया गया हेल्थ कैंप

गरियाबंद । पहले छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में बच्चों की ‘रहस्यमय बीमारी’ को डॉक्टरों ने बैक्टेरियल डिजीज बताया है। उनका कहना है कि साफ-सफाई नहीं होने और गंदगी के चलते बच्चे बीमार पड़े हैं। CMHO ने कहा कि बच्चे आयरन सिरप पीने से बीमार नहीं हुए हैं। जांच में पता चला है कि 7 बच्चे ऐसे भी थे, जिन्होंने सिरप नहीं पी थी। वहीं कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कहा है कि अगर तीन दिन में बच्चों की बीमारी कंट्रोल नहीं होती है तो स्किन एक्सपर्ट बुलाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां हेल्थ कैंप लगाया था। नवापारा पंचायत और उसके अंतर्गत आने वाले गांव में गुरुवार से बच्चों के बीमार पड़ने का सिलसिला शुरू हुआ था। पंचायत क्षेत्र में 30 बच्चों के शरीर और मुंह के अंदर दाने निकल आए। जलन होने के साथ ही बच्चों में बुखार के भी लक्षण भी दिखने लगे।। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने DPM रीना और BMO गजेंद्र ध्रुव के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम के साथ पंचायत भवन में कैंप लगाया। गरियाबंद में 30 बच्चों के शरीर और मुंह के अंदर निकले दाने, फिर बुखार; परिजन बोले- आयरन का सरकारी सिरप पीने से हुआ ।

शिविर में 5 माह से लेकर 10 वर्ष तक के 29 बच्चों का इलाज किया गया। एमडी मेडिसिन की देखरेख में सभी प्रभावितों को एंटीबायोटिक और अन्य जरूरी दवाएं दी गई हैं। शिविर में 5 माह से लेकर 10 वर्ष तक के 29 बच्चों का इलाज किया गया। एमडी मेडिसिन की देखरेख में सभी प्रभावितों को एंटीबायोटिक और अन्य जरूरी दवाएं दी गई हैं। अफसरों का कहना है कि ग्राम पंचायत और अधीनस्थ ग्राम का डोर-टू-डोर सर्वे किया गया। इसमें 9 बच्चों में समस्या मिली है, लेकिन इनमें से सिर्फ 3 बच्चों ने ही सिरप का सेवन किया था। यह समस्या ऐसे बच्चों को भी हुई है, जिन्होंने आयरन सिरप का सेवन नहीं किया है। शिविर में आए 5 बच्चों का ब्लड सैंपल भी लिया गया है। सर्वे के दौरान नया पारा में 5 से ज्यादा ऐसे बच्चे मिले जो दो दिनों में ठीक हो चुके थे। जबकि नयापारा, माहुलपारा और पानी गांव से आए 29 बच्चों का डॉक्टरों की टीम ने जांच कर दवाई दी है।

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