महासमुंद। महासमुन्द के श्री सुरेन्द्र जायसवाल और रविन्द्र जैन ने शासन के नए प्रावधानों नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमण को नियमितीकरण करने के लिए माह फरवरी में 4,38,679 रुपए एवं श्री रविन्द्र जैन ने 2,19,123 रूपए चालान के माध्यम से जमा कर अपने भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त किया है। शासकीय भूमि का वास्तविक मालिकाना हक मिलने से जायसवाल और जैन परिवार में आई खुशहाली।
राज्य शासन की यह प्रदेश एवं देश में अनूठी योजना है। सरकार की सोच है कि यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो भूमि आबंटन के समय संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइड लाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का लाभ निर्धारित कीमत पर उठा सकते है। इसके लिए अन्य लोगों को भी आगे आने की जरूरत है। ताकि पात्र लोग भी इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उठा सकें।
बतादें कि राज्य शासन के गाईड लाईन के अनुसार केवल थोड़ा सा शुल्क चुकाकर नागरिक अपने पट्टों पर भूमि स्वामी अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आबंटन तथा अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। यदि कोई अतिक्रामक है तो वो भी इसके लिए तय की गई नियत राशि चुकाकर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते हैं। भूमि स्वामी हक प्राप्त करने से संपत्ति के विक्रय में, बैंक लोन में, बंटवारा करने तथा अन्य तरह की सभी दिक्कत दूर हो जाएगी। इस तरह के अवसर नागरिकों के समक्ष बहुत कम ही मिलते है, जिन्हें उन्हें खोना नहीं चाहिए। जिले के अनेक नागरिकों ने इसके लिए आवेदन किए हैं और उन्हें भूमि स्वामी अधिकार प्रदान किए जा रहें हैं। इन प्रकरणों पर शीघ्रता से कार्रवाई की जा रही है। यह भूमि स्वामी हक प्राप्त करने के लिए यह अच्छा अवसर है इस अवसर का लाभ नागरिकों को उठाना चाहिए। राजस्व अधिकारियों द्वारा भी जिन लोगों ने भूमि स्वामी हक के लिए आवेदन लगाए हैं उनके मामले तय समय में निराकृत किए जा रहें हैं।
श्री सुरेन्द्र जायवसवाल एवं श्री रविन्द्र जैन ने राज्य शासन के इस महत्वाकांक्षी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश में पहली बार इस तरह की योजना लागू की गई है। जो काफी सरहानीय है। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक अतिक्रामकों को उठाना चाहिए। विधायक एवं संसदीय सचिव श्री विनोद चंद्राकर के हाथों वास्तविक मालिकाना हक प्रमाण पत्र पाकर वे खुश हुए। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन एवं राजस्व विभाग के माध्यम से अपने हक का अभिलेख मिलने वे अब इस जमीन के वास्तविक स्वामी बन गए। पूर्व में यह जमीन शासकीय होने के कारण हम इस पर अपना वास्तविक मालिकाना हक नहीं जता पा रहें थे। श्री जायवसवाल और जैन ने कहा कि जमीन का अभिलेख मिलने से हमारी चिन्ता दूर हो गई है।

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