रायपुर :  शिक्षक लोक कला के संवाहक: लोक गायिका श्रीमती रजनी रजक :  जीवन को गढ़ने के लिए शिक्षा जरूरी
रायपुर : शिक्षक लोक कला के संवाहक: लोक गायिका श्रीमती रजनी रजक : जीवन को गढ़ने के लिए शिक्षा जरूरी

लोक गीतों पर आधारित राज्य स्तरीय वेबिनार

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ की लोक गायिका श्रीमती रजनी रजक ने समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय रायपुर द्वारा 16 अगस्त को आयोजित सावन के लोक गीतों पर आधारित, राज्य स्तरीय विशेष वेबिनार कहा कि लोककला को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में रोपित करने, लोककला को संरक्षित करने के लिए शिक्षक ही सशक्त माध्यम है। बच्चों को पढ़ाई के साथ लोककला को अपनाने के लिए शिक्षकों को सदा प्रेरित करते रहने चाहिए।

उन्होंने माना कि लोक कला छत्तीसगढ़ के जनमानस में आचार-व्यवहार में रीति-रिवाज में कार्यशैली में खानपान में रची-बसी है। शिक्षक समाज की कुंजी है, जो कला को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को पहुंचाते हैं। कला किसी जाति धर्म या जेंडर पर आधारित ना होकर विशुद्ध रूप से व्यक्ति के व्यक्तित्व का आधार है। कार्यक्रम में प्रथम फाउंडेशन नई दिल्ली श्रीमती रूखमणी बनर्जी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुई। श्रीमती रूखमणी बनर्जी ने कहा कि स्कूल में पढ़ी जाने वाली किताब ही शिक्षा का आधार नहीं है। जीवन को गढ़ने, जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपने समाज परिवार, परिवेश की व्यवहारिकता को अपनाना आवश्यक है।

जिसमें लोक राग, जीवन की व्यथा व कथा, लोक रंग में लोक गीतों के माध्यम से उबर कर सामने आती हैं। जिनका संरक्षण व संवर्धन आवश्यक है, इसके लिए छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न अवसरों पर गाए जाने वाले लोक गीतों का सफर हमने एक वर्ष पहले प्रारंभ किया था, जो आज सावन के गीतों पर आकर पूर्ण हुआ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में हम बच्चों में भाषाई गणितीय कौशल के साथ-साथ स्थानीय भाषा-बोली को बढ़ावा देने के लिए इस तरीके से लोकगीतों की एक श्रृंखला चला रहे हैं, जो आगे निरंतर जारी रहेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने वर्ष भर लोक गीतों पर आधारित कार्यक्रम कराने पर बधाई संदेश दिया।

सावन के लोक गीतों पर आधारित इस विशेष वेबिनार में श्रीमती नीलिमा कर्मकार ने हल्बी, धनाजु राम एटी ने गोंड़ी, रूद्रप्रताप शर्मा संबलपुरी उड़िया, रूपेश तिवारी ने छत्तीसगढ़ी, मिठठल राम नेताम, दयालुराम, सावित्री राजकुमारी बालगोविंद राम ने क्रमशः कमार, हल्बी, बैगानी, कुडुक, गोंडी में लोक गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोढ़ी श्रीमती वंदना शर्मा ने किया। कार्यक्रम को यू-ट्यूब पर 4000 लोगों ने देखा और आनंद लिया।