विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर से
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर से

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर से शुरू हो रहा है। पांच दिवसीय सत्र 17 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे को घेरने की रणनीति बनाई है। भाजपा ने प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था, मतांतरण और धान के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। वहीं, कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों और महंगाई पर पलटवार करने की तैयारी में है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार तीन साल में सभी मोर्चों पर फेल रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। लूट, हत्या, बलात्कार और गांजा की तस्करी रोकने में पुलिस फेल है। सरकार ने पुलिस के मुखिया को बदला, लेकिन इससे कोई बदलाव आने वाला नहीं है।

विधानसभा सत्र में सरकार की ओर से झीरम मामले को लेकर चर्चा हो सकती है। झीरम कांड की जांच रिपोर्ट सरकार के पास पहुंच चुकी है। सरकार ने दो नए सदस्यों के साथ जांच का दायरा बढ़ाया है। जांच आयोग ने रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी थी, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने राज्य की बकाया राशि जारी करने में भेदभाव कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय योजना अब नाम के लिये केंद्र की योजना है, जबकि योजना में अंशदान केंद्र सरकार और राज्य सरकार का बराबर हो गया है।

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प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम जल मिशन, राष्ट्रीय शहरी अजीवका मिशन, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ नाम केंद्र का है। केंद्र सरकार केंद्रीय योजनाओं में खुद की हिस्सेदारी में 11 प्रतिशत कटौती कर राज्य सरकारों के ऊपर आर्थिक भार बढ़ाने का काम किया है। इस मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा।

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