सशस्त्र सेना झंडा दिवस शहीदों के परिवारों का सम्मान करने का पर्व: राज्यपाल
सशस्त्र सेना झंडा दिवस शहीदों के परिवारों का सम्मान करने का पर्व: राज्यपाल

रायपुर । राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित समारोह में वीर नारियों एवं माताओं, भूतपूर्व सैनिकों एवं शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया और उन्हें सम्मान निधि दीं, साथ ही महत्वपूर्ण दानदाताओं को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस शहीदों के परिवारों का सम्मान करने का पर्व है। हाल ही में शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया और सम्मान निधि प्रदान की। राज्यपाल ने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी के माता-पिता को नमन करते हुए कहा कि वे अपने आप को अकेला न समझें। पूरा प्रदेश उनके साथ है। जब भी कभी आवश्यकता होगी, शासन उनके साथ खड़ा रहेगा।

राज्यपाल ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर पूरे देश सहित छत्तीसगढ़ के सभी शहीदों को नमन किया। सुश्री उइके ने कहा कि हमारा देश जब से आजाद हुआ है तब से हमारी सेना के बहादुर जवानोें ने समय-समय पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है एवं बलिदान दिया है। हमारी सेना की वजह से सन् 1948 में पाकिस्तान से लोहा लिया एवं उन्हें दांतों तले चने चबवाये। सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को न केवल हराया बल्कि उनके 93,000 सैनिकों को कैद किया एवं बांग्लादेश एक नया देश अस्तित्व में आया। कश्मीर एवं नागालैंड एवं अन्य राज्यों में विषम परिस्थितियों में भी दिन-रात देश की रक्षा के लिए डटे रहें एवं अपने प्राणों का बलिदान देते रहें। राज्यपाल ने कहा कि पिछले दिनों गलवान घाटी में पड़ोसी देश चीन ने अतिक्रमण का प्रयास किया और हमारे देश की तरफ आंखे तरेरी, जिसका हमारे सैनिकों ने मजबूती से जवाब दिया। वे वहां पर तैनात रहे और चीन को अपने पैर पीछे खींचने पड़े। कोरोना के समय भी अलग-अलग तरीकों से भारतीय सेना ने अपना योगदान दिया और आमजनों की जान की रक्षा की।

राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल बनने के बाद जब मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलने गई थी तो उन्होंने कहा था कि देश के सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य करना होगा। इसके लिए हर राज्य में सैनिक कल्याण बोर्ड संस्था बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और उसके लिए कुर्बानी भी देते हैं। मैं उनके लिए और उनके परिवारों के लिए जो भी कुछ संभव होगा वो करूंगी। राज्यपाल ने कहा कि दान देना हमारी संस्कृति रही है। झंडा दिवस एक ऐसा अवसर है, जो दान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्र सेवा भी है। उन्होंने कहा कि हम सेना में जाकर सैनिकों के जैसा कार्य न कर सकें या उनके परिजनों के जैसा त्याग न कर सकंे परन्तु हम झंडा दिवस के अवसर पर सैनिकों के कल्याण के लिए कुछ निधि समर्पित कर अपना कर्त्तव्य निर्वहन कर सकते हैं। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके तथा अन्य अतिथियों को झण्डा एवं लेपल पिन लगाया गया।

साथ ही सैनिकों के माता-पिता को जंगी इनाम सम्मान निधि और पूर्व सैनिकों को पुत्री विवाह के लिए सहायता राशि प्रदान की गई। समारोह में सैनिक कल्याण बोर्ड के स्मारिका सैनिक कल्याण संक्षेपिका का भी विमोचन किया गया। एन.सी.सी. कैडेटों द्वारा मनमोहक देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, जनरल अफसर कमाडिंग, मध्य भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल एस. मोहन, राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, सैनिक कल्याण छत्तीसगढ़ के संचालक ब्रिगेडियर विवेक शर्मा तथा भूतपूर्व सैनिक तथा उनके परिजन उपस्थित थे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *