हाथियों का आतंक जारी, जान बचाने स्कूलों में ले रहे शरण
Two young Indian elephants, Elaphas maximus, Kaziranga National Park, Assam, India. Kaziranga - Karbi Anglong Landscape

बैकुंठपुर। खड़गवां वन परिक्षेत्र के सकड़ा सर्कल बेलबहरा बीट में चार दिन से 42 हाथियों का आतंक जारी है। हाथियों ने आते ही खेत, खलिहान में पके धान के साथ अनाज, महुआ के लिए कच्चे मकानों पर हमला बोल दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। हाथियों के डर से सारी रात ग्रामीण स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में शरण लिए रहे। वन विभाग की टीम ने प्रभावित ग्रामीणों को भोजन करवाया, साथ ही उनकी सुरक्षा में पूरी रात डटे रहे। नेवरी, पैनारी गांव में सोमवार, मंगलवार रात गांव में घुसे हाथियों ने 3 कच्चे मकान तोड़ दिए और अंदर रखा राशन खा गए। वहीं 35 किसानों की फसलें भी तहस-नहस कर दिया है।

हाथियों का दल महादेवपाली, मेंड्रा, नेवरी, बेहबहरा, धौराठी के गांव के आसपास जंगल में विचरण कर रहा है। देर रात हाथी गांव में पहुंचकर आतंक मचाना शुरू कर देते हैं। इससे पहले दल ने लालपुर, जरौंधा, फुनगा में 20 किसानों की फसल को रौंद दिया था। वहीं एक मकान को तोड़ दिया था। कच्चे मकानों को तोड़कर हाथी घर के अंदर रखा राशन और धान चट कर गए। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं। गांव में वन विभाग की टीम बनी हुई है। गांव वालों को हाथियों से सर्तक रहने मुनादी कराई जा रही है। उन्हें हाथियों से दूर रहने सुरक्षात्मक उपाए भी बताए जा रहे हैं। डीएफओ के निर्देश पर यहां गजराज टीम लगातार हाथियों पर नजर बनाई हुई है। वहीं लोगों को सुरक्षित रखा जा रहा है।

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