भिलाई में आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति के संयोजक, आरपी शर्मा ने फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) के निजीकरण का विरोध किया है! उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस निजीकरण को रोकने की गुहार लगाई है।
आरपी शर्मा का आरोप:
- आरपी शर्मा का कहना है कि एफएसएनएल को निजीकरण करने का षड्यंत्र बहुत पहले से चल रहा है।
- उन्होंने कहा कि यह कंपनी हमेशा से लाभ में रही है और सरकार को लाभांश देती आई है।
- उन्होंने एफएसएनएल का विलय स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में करने की मांग की है।
एफएसएनएल की स्थापना और उसकी सफलता:
- एफएसएनएल की स्थापना वर्ष 1979 में सेल की इकाइयों के स्क्रैप की रिकवरी के लिए की गई थी।
- यह कंपनी सरकार से आर्थिक सहयोग लिए बिना ही लाभ में चल रही है।
- यह कंपनी अपने मुनाफे से सरकार को लाभांश देती आई है।
पवन कुमार लखोटिया का षड्यंत्र:
- आरपी शर्मा ने कहा कि वर्ष 2007 में पवन कुमार लखोटिया ने एफएसएनएल में स्क्रैप रिकवरी का काम लिया था।
- उसने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए भाजपा के सांसद ताराचंद साहू को घूस देने का प्रयास किया था, लेकिन एसीबी ने उसे पकड़ लिया।
- लखोटिया ने अपनी कंपनियों का पंजीयन “सेल” में करवाया था और इसके माध्यम से भ्रष्टाचार किया था।
- आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की थी।
अन्य अधिकारियों का भ्रष्टाचार:
- आरपी शर्मा ने कहा कि सेल के कार्यकारी प्रमुख विनोद कुमार अरोड़ा और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पंकज गौतम ने भी लखोटिया के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया था।
- उन्होंने कहा कि सेल के अध्यक्ष सुशील कुमार रुंगटा और चंद्रशेखर वर्मा ने अमेरिकी कंपनी हार्षको के साथ मिलकर सेल में स्क्रैप रिकवरी के लिए निजीकरण की योजना बनाई थी।
आरपी शर्मा का आग्रह:
- आरपी शर्मा ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि एफएसएनएल का सेल में विलय कर नए रोजगार के अवसर प्रदान करें और निजीकरण की योजना को बंद कर दें।
यह मामला बहुत गंभीर है और इसमें कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले पर क्या कार्रवाई करती है।