बीजापुर में दिव्यांग बच्चों और बालिका आश्रम की छात्राओं के लिए 'न्यौता भोज' का आयोजन: एक अनूठी पहल
बीजापुर में दिव्यांग बच्चों और बालिका आश्रम की छात्राओं के लिए 'न्यौता भोज' का आयोजन: एक अनूठी पहल

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कलेक्टर संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में एक बेहद सराहनीय पहल देखने को मिली है। देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर, जिले के दिव्यांग बच्चों और बालिका आश्रम की छात्राओं के लिए ‘न्यौता भोज’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सिर्फ एक भोज से कहीं आगे बढ़कर, बच्चों के साथ जुड़ने और उन्हें प्रेम और स्नेह का एहसास कराने का एक अनूठा प्रयास है।

दिव्यांग पुनर्वास केंद्र “समर्थ” में खुशियों का माहौल

दिव्यांग पुनर्वास केंद्र “समर्थ” में उप संचालक समाज कल्याण विभाग कमलेश पटेल ने बच्चों के लिए एक यादगार दिन बना दिया। फल, मिठाई और पटाखों के साथ, बच्चों को एक प्यारा सा न्यौता भोज दिया गया। कल्पना कीजिए, छोटे-छोटे हाथों में पटाखे, और चेहरे पर एक अद्भुत मुस्कान! ये दृश्य वाकई दिल को छू लेने वाला था। इस कार्यक्रम में कलेक्टर संबित मिश्रा जी के नेतृत्व और दृष्टिकोण की स्पष्ट झलक देखने को मिली।

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उसूर ब्लॉक के कन्या आश्रम में भी मनाया गया त्यौहार

इसी तरह, जिला कोषालय अधिकारी महावीर टंडन ने उसूर ब्लॉक के कन्या आश्रम मुरकीनार में छात्राओं के साथ न्यौता भोज का आयोजन किया। लेकिन यह सिर्फ भोजन तक सीमित नहीं रहा। महावीर जी ने बच्चों के साथ खेल-कूद और व्यायाम में भी हिस्सा लिया, जिससे बच्चों में जोश और उत्साह का संचार हुआ। आप सोच सकते हैं कि बच्चों के लिए कितना महत्वपूर्ण है कि एक अधिकारी उनके साथ समय बिताए, उनकी बात सुने और उनके साथ खेलें!

कलेक्टर का संदेश: जुड़ाव और प्रोत्साहन

कलेक्टर संबित मिश्रा ने अधिकारियों को इस तरह के कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी ढंग से आयोजित करने और बच्चों के साथ समय बिताने के निर्देश दिए हैं। यह सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि बच्चों के प्रति गहरी संवेदना का परिचायक है। उनका यह प्रयास बच्चों में आत्मविश्वास और आशा का संचार करता है। यह उदाहरण दिखाता है कि कैसे सरकारी तंत्र भी समाज के कमजोर वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा सकता है।

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यह एक ऐसी पहल है जिससे हमें सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। छोटे से प्रयास से हम भी अपने आसपास के बच्चों के जीवन में खुशियाँ भर सकते हैं।