चारामा/कांकेर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ आज बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विपक्षी दलों के नेता सड़कों पर उतरे हैं। हालांकि, आरोप है कि आदिवासी लोगों को इस बंद में शामिल करने के लिए उन्हें गुमराह किया गया है।
आदिवासियों से कहा गया आरक्षण खत्म, भड़के लोगों ने किया चक्का जाम
सूत्रों के मुताबिक, आदिवासी लोगों को यह कहकर बंद में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने उनका आरक्षण रद्द कर दिया है। इस झूठ पर विश्वास कर भोले-भाले आदिवासी लोग बंद में शामिल हो गए और बस्तर में NH-30 और NH-63 पर चक्का जाम कर दिया।
कई आदिवासियों को बंद की वजह तक नहीं पता!
जब कुछ आदिवासियों से पूछा गया कि वे इस बंद में क्यों शामिल हुए हैं, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस विषय की कोई जानकारी नहीं है। उन्हें सिर्फ़ यह बताया गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण खत्म कर दिया है।
बस्तर में बंद का असर, कई जिलों में जनजीवन सामान्य
बस्तर के जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर समेत कई जिलों में बंद का असर देखने को मिला। दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर वाहन नहीं चले। हालांकि, राज्य के अन्य कई जिलों में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा।
बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने किया बंद का समर्थन, पुलिस मुस्तैद
बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आदिवासी समाज के भारत बंद का समर्थन किया है। बंद को देखते हुए बस्तर के सातों जिलों में पुलिस बल तैनात किया गया है।
सर्व आदिवासी समाज के नेता ने बताया बंद का कारण
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर का कहना है कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एक मामले में फैसला सुनाते हुए एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने की बात कही है, जिसके विरोध में यह बंद बुलाया गया है।