गांव में सड़क बनाने मिली 12 लाख 52 हजार की राशि

रायपुर ।  हर माता पिता का सपना होता है कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी डिग्री हासिल करें और अच्छी नौकरी या रोजगार से जुड़कर अपनी पैरों पर खड़ा हो सकें। नीलिमा के माता- पिता का भी कुछ ऐसा ही सपना था। अपनी बेटी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने के साथ उन्हें उम्मीद थी कि डिग्री हासिल करते ही कुछ दिनों के भीतर नौकरी लग जाएगी। नीलिमा को भी कुछ ऐसा ही विश्वास था। जब हाथों में इंजीनियरिंग की डिग्री आ गई और वर्षों तक कोई नौकरी नहीं मिली तो माता पिता ही नहीं नीलिमा का सपना मानों टूट ही गया। कई वर्षों तक बेरोजगार रहने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जब युवाओं को रोजगार से जोड़ने और विकासकार्यों में भागीदारी सुनिश्चित करने ई-श्रेणी पंजीयन प्रणाली लागू की तो नीलिमा की उम्मीदों को पंख लग गए। अपने क्षेत्र के विधायक और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की पहल से इंजीनियरिंग में स्नातक कुमारी नीलिमा साहू को मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना से पक्की सड़क बनाने का काम मिला है।   
रायपुर जिले के आरंग में रहने वाली नीलिमा ने बताया कि वर्ष 2012 में बी.ई. की डिग्री हासिल करने के बाद वह लगातार जॉब तलाश रही थी। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्हें लगता था कि कहीं न कहीं उसकी जॉब जरूर लग जाएगी। उसने बताया कि डिग्री होने के बाद भी रोजगार और आमदनी का कोई जरिया नहीं होने से दुःख के साथ चिंता भी होती थी। इस बीच नौकरी की तलाश के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करती रही। नीलिमा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जब प्रदेश के 12 वीं पास से लेकर स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुके बेरोजगार युवकों को निर्माण कार्यों में काम देने की घोषणा की तो उसे भी काम मिलने की आस जगी। उसने बताया कि बेरोजगार युवकों के लिए शुरू की गई ई श्रेणी पंजीयन में अपना नाम रजिस्टर कराने के बाद उम्मीद थी कि उसे अपने क्षेत्र में काम करने का मौका मिलेगा। आरंग क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने अपने क्षेत्र में होने वाले विकासकार्यों में नीलिमा को प्राथमिकता देते हुए 12.52 लाख रुपए का काम दिया। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के अंतर्गत आरंग विकासखण्ड के ग्राम रसनी में शासकीय स्कूल भवन से मुख्य मार्ग तक बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य का जिम्मा नीलिमा को मिला। अपनी पढाई पूरी करने के बाद पहली बार काम मिलने और रोजगार से जुड़ने पर खुशी व्यक्त करते हुए नीलिमा ने मंत्री डॉ. डहरिया से मुलाकात कर उनका और मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार जताया। इंजीनियर नीलिमा कहती है कि मेरे लिए यह गौरव की बात है कि मैं अपने घर के आसपास होने वाले विकासकार्यों में अपनी भागीदारी देने जा रही हूं। इससे मुझे आर्थिक लाभ भी होगा। यह सब प्रदेश के मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ डहरिया की बदौलत हो सका है। गौरतलब है कि प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को निर्माण कार्यों में रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने ब्लॉक स्तर में 20 लाख तक के कार्य देने ई-पंजीयन प्रणाली शुरू की गई है। इसके लिए गैर अनुसूचित क्षेत्र में योग्यता स्नातक और अनुसूचित क्षेत्र में 12वीं पास रखी गई है। 

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