छठ पर्व: भिलाई के तालाबों में कचरा, कीड़े और बदबू, इसी में अर्घ्य देंगी महिलाएं
छठ पर्व: भिलाई के तालाबों में कचरा, कीड़े और बदबू, इसी में अर्घ्य देंगी महिलाएं

भिलाई । भिलाई नगर निगम ने इस बार छठ पर्व को लेकर की जाने वाली तालाबों की सफाई के नाम पर खानापूर्ति की है। भिलाई शहर (पटरी के इस पार का क्षेत्र) का सबसे बुरा हाल है। निगम अधिकारियों ने तालाब के पानी के ऊपर तैर रहे कचरे तक को नहीं निकाला है। हालत यह कि यहां के तालाबों के पानी से बदबू आ रही है। पानी में कीड़े तक पड़ गए हैं। समय पर सफाई न होने इस बार व्रत धारी महिलाओं को तालाबों के गंदे पानी जाकर अर्घ देने को मजबूर होना पड़ेगा। अलग-अलग क्षेत्र के पार्षदों का कहना है कि उन्होंने इसकी निगम कमिश्नर से की है, लेकिन तालाब की सफाई तो दूर उन्होंने ऐसा किया कि शहर की सफाई व्यवस्था भी चौपट हो गई है।

कुरुद क्षेत्र में स्थित नकटा तालाब को छठ तालाब व कुरुद तालाब के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल हजारों की संख्या में उत्तर भारतीय लोग छठ त्योहार मनाने आते हैं। पिछले साल तक नगर निगम इस तालाब की बेहतर सफाई करने के साथ लाइटिंग व अन्य उपाय करता था। इस बार यहां सफाई सफाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की गई है। निगम के सफाई कर्मियों ने दो तीन तालाब से जलकुंभी निकाला, लेकिन कचरा साफ करना मुनासिब नहीं समझा। वर्तमान में यह तालाब गंदगी से अटा पड़ा है। इस तालाब में नाले का गंदा पानी भी छोड़ा जा राह है, इससे इसका पानी सड़ गया है और उससे बदबू आ रही है। इस क्षेत्र के निवासी देवा साहू और भरत सिन्हा का कहना है कि निगम के अधिकारी सफाई पर नहीं बल्कि सफाई के नाम पर अपनी कमाई को बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।

वैकुंठ धाम तालाब छठ पर्व को लेकर शहर के प्रमुख तालाबों में से एक है। यहां निगम ने पूरी तरह से अनदेखी की है। पहले तो तालाब के बगल से खुले में कचरा डंप कर दिया है। इससे यह कचरा तालाब के किनारे फैलने के तालाब के पानी में भी जा रहा है। यहां सफाई पूरी तरह से अभाव है। चारों तरफ सिर्फ गंदगी ही दिख रही है। इसके चलते यहां सुअर भी घूमने लगे हैं। यहां पूजा के लिए वेदी बना रहे राजेश, मुकेश कुमार और रामचंद्र ने बताया कि वह लोग सालों से यहां छठ पूजा करते आ रहे हैं। पहली बार इतनी गंदगी देखने को मिल रही है। इसके लिए उन्होंने जोन कमिश्नर और निगम कमिश्नर तक से शिकायत की है, लेकिन कोई कुछ ध्यान नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि यहां हजारों की संख्या में छठ पर्व मनाने लोग आते हैं। उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

छठ पूजा के लिए तालाब के सौंदर्यीकरण की बात करें तो निगम प्रशासन अपना पूरा जोर सेक्टर 2 तालाब पर लगा दिया है। यह वही तालाब है जहां हर साल सौंदर्यीकरण के नाम पर भारी भरकम बजट खर्च किया जाता है। इस बार भी यहां रात दिन विकास का कार्य चल रहा है। विकास के चलते तालाब के आकार को भी कुंड का रूप दे दिया गया है। लेकिन सबसे चौकाने वाली बात यह है कि छठ को अब मात्र दो दिन हैं, लेकिन इस तालाब का गंदा पानी निकालकर फिर से नहीं भरा गया है। पूर्व पार्षद पीयुष मिश्रा का कहना है कि हर साल हाउसिंग बोर्ड और सेक्टर 2 के तालाब से गंदे पानी को निकालकर वहां साफ पानी भारा जाता है। इस बार निगम प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है। इससे महिलाएं गंदे पानी छठ पूजा करने को मजबूर होंगी।

सुपेला क्षेत्र में स्थित शीतला तालाब को विधायक देवेंद्र यादव ने गोद लिया है, लेकिन आज वह पूरी तरह से बेसहारा हो गया है। हालत यह है कि यहां न सिर्फ सौंदर्यीकरण का कार्य अधूरे में रोका गया है, बल्कि सफाई पर भी निगम प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। तालाब के चारों तरफ सिर्फ कचरा ही दिखाई दे रहा है। पानी भी गंदगी से भरा हुआ है। यहां की पार्षद धनेश्वरी साहू का कहना है कि नगर निगम सिर्फ क्षेत्र के लिए ही बना है। उनका पूरा ध्यान पटरी के उस पार होता है। वहीं विकास के कार्य किए जा रहे हैं। निगम यह भूल गया है कि उसकी जिम्मेदारी पटरी इस पार की भी है। इतना ही नहीं निगम का मुख्यालय तक पटरी इस पार ही स्थित है। शीतला तालाब में हर साल धूमधाम से छठ पर्व मनाया जाता था, लेकिन इस बार गंदगी के बीच मनाया जाएगा।

निगम कमिश्नर प्रकाश सर्वे हर दिन निगम क्षेत्र का दौरा करते हैं और साफ सफाई, कचरा उठाव सहित विकास कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं। छठ पर्व को लेकर निगम ने जिस तरह तालाब की सफाई व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ती की है वह निगम कमिश्नर के बेहतर सफाई के दावों की पोल खोल रहा है। ऐसा नहीं कि सफाई का अभाव सिर्फ भाजपा पार्षद के क्षेत्रों में है, बल्कि कांग्रेस पार्षद भी इससे परेशान हैं। रानी अवंती बाई सरोवर फरीदनगर पॉश इलाके में होने के बाद भी गंदगी से अटा पड़ा है। यहां की कांग्रेस पार्षद शोसन लोगन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन न तालाबों की सफाई कर पा रहा है न ही वार्डों की। शिकायत करके थक चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जब इस बारे में निगर निगम भिलाई के पीआरओ प्रवीन सर्वा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन मूर्ति विसर्जन हो जाने का इंतजार कर रहा है। गौरा गौरी पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन होने के बाद तालाबों की सफाई की जाएगी। छठ पूजा के लिए समय है इससे पहले ही सफाई व्यवस्था बेहतर तरीके से कर ली जाएगी।

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