मुख्यमंत्री
बघेल बिलासपुर में आज छठ पूजन के कार्क्रम में सम्मिलित हुए. उन्होंने इस अवसर पर
अरपा मैया की आरती किया और सभा को अपने संबोधन के माध्यम से कहा कि अरपा छत्तीसगढ़
प्रदेश के लिए एतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ने वाली नदी है. यह हमारे राज्य
की जीवनदायनी नदी है. इस नदी का देखभाल करना हम सबकी जिमीदारी है. इस लिए हमने टी
किया है की भविष्य में अरपा नदी के घात को और भी सुन्दर बनाया जायेगा. इस
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास और नेता प्रतिपक्ष
धरमलाल कौशिक भी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश
में पहली बार छठ पूजन के अवसर पर अवकाश प्रदान
किया गया है. यह पर्व धार्मिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टी से हम सबके लिए
महत्वपूर्ण है. इस पर्वके माध्यम से लोगों को अपने संस्कृति और परम्परा से जुड़ने
का अवसर प्राप्त होता है. जीवकोपार्जन के लिए दूर – दराज परिवारोंको अपने घर वापस
आने का मौका देती है. जी अपने संस्कृति से कटते जा रहे हैं ऐसे हमारे युवा पीढ़ी को
जड़ों से जोड़ने का कार्य करती है. नदियों के प्रति भारतीय संस्कृति के दायित्व को
बच्चे समझते हैं. यह एक मात्र ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ डूबता सूरज का
पूजन होता है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इसके पीछे यह पवित्र भावना है कि नदी को प्रदूषण मुक्त रखें और इसमें सतत् जल का प्रवाह होता रहे. उन्होंने बताया कि अरपा नदी से बिल्हा में पांच हजार एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होती है. इस नदी पर अरपा-भैंसाझार परियोजना के पूर्ण होने से 67 हजार एकड़ में सिंचाई होगी.