नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम महिला वेटलिफ्टिंग कैटगरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. मीराबाई स्नैच और क्लीन एंड जर्क राउंड मिलाकर कुल 202 किलो वजन उठाकर पदक जीता. इस बड़ी जीत के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में पिज्जा खाने की इच्छा जाहिर की थी. डॉमिनोज ने उनकी इच्छा का मान रखते हुए उन्हें लाइफटाइम फ्री पिज्जा देने की घोषणा की है.
डॉमिनोज ने ट्वीट करते हुए लिखा, उन्होंने कहा और हमने इसे सुन लिया. हम कभी नहीं चाहते कि मीराबाई चानू को पिज्जा खाने के लिए वेट करना पड़े. इसलिए हम उन्हें जीवन भर के लिए मुफ़्त डॉमिनोज पिज्जा दे रहे हैं. कंपनी के इस फैसले की सरहाना हर तरफ की जा रही है. सोशल मीडिया पर लोग डॉमिनोज को इस बात के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.
आपको बता दें कि शुक्रवार से शुरू हुए टोक्यो ओलंपिक के दूसरे दिन भारत ने अपनी जीत का सिलसिला शुरू कर दिया है। दूसरे दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. वेटलिफ्टिंग की 49 किलोग्राम कैटेगरी में मीराबाई चानू ने सिल्वर जीत कर पहला मेडल दिला दिया है।
आपको बता दें कि मीराबाई चानू मणिपुर की राजधानी इंफाल के पास नोंगपोक ककचिंग गांव की रहने वाली है। यहां के लोग जंगल में जाकर लकड़ी जुगाड़ करने का काम करते हैं. करीब 15 साल पहले की बात है कि इस गांव की एक छोटी सी बच्ची भी अपने बड़े भाई और पापा के साथ जंगल में लकड़ी लाने जाती थी. लकडिय़ां जुगाड़ करने के बाद घर लाने के लिए सभी के बीच बांट दिया जाता था. ताकि किसी पर ज्यादा बोझ न हो और कोई खाली हाथ न जाए. दस साल की बच्ची चानू भी लकड़ी उठाकर लाती थी. वह इतना ज्यादा भार उठाती थी कि हर कोई उसे देखकर दंग रह जाता था. मीराबाई चानू के बड़े भाई ने अपनी बहन के इस कारनामे को देखा और फिर शुरू हो गया इम्फाल स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भारोत्तोलन की ट्रेनिंग. भारत के इस वेट लिफ्टर से ही देश को ओलिंपिक खेलों के दूसरे दिन एक मेडल की उम्मीद थी।
आपको बता दे कि उत्तर कोरिया इस बार की ओलंपिक खेलों में इस स्पर्धा में शामिल नहीं है और भारोत्तोलन के नियमों के मुताबिक चीन को एक केटेगरी में एक ही एथलिट को उतारना है. यानि कि मीराबाई के सामने पदक जीतने का सुनहरा मौका है. चानू ने चार साल पहले यानी कि 2017 में अमेरिका में वल्र्ड चैंपियनशिप के 48 किलोग्राम केटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल की थी. वह एशियाई चैंपियनशिप में भी ब्रोंज मेडल जीत चुकी है.
साल 2000 के सिडनी ओलंपिक खेलों में ब्रोंज मेडल विजेता कर्णम मलेश्वरी का कहना है , मेडल का रंग क्या होगा पता नही है , लेकिन मेडल इस इवेंट से आ रही है ये लगभग तय है. में उम्मीद करूंगी की मीराबाई देश के लिए गोल्ड मेडल जीते. पिछले कई महीनों से अपने कोच विजय शर्मा के साथ मीराबाई चानू अमेरिका में अभ्यास कर रही थी। उसे उम्मीद थी कि वेट लिफ्टिंग के 49 किलोग्राम केटेगरी में देश को एक मेडल ज़रूर मिलेगा।

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