स्कूल जर्जर: पेड़ के नीचे लगती है क्लास
स्कूल जर्जर: पेड़ के नीचे लगती है क्लास

गरियाबंद । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में स्कूल जर्जर हो रहे हैं। यही वजह है कि यहां के एक स्कूल में बच्चे क्लास में नहीं। बल्कि स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते हैं। इसके अलावा 4 और स्कूलों की हालत भी बेहद जर्जर है। इसके बावजूद बच्चे यहां जान जोखिम में डालकर खस्ताहाल छत के ही नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं । वहीं इसी ब्लॉक के 200 स्कूलों में से 149 स्कूलों में मरम्मत की भी सख्त जरूरत है। जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। दरअसल, ये मामला देवभोग ब्लॉक के ग्राम कांडपारा का है। यहां संचालित प्राथमिक स्कूल भवन जर्जर हो गया है। इस भवन का निर्माण 2003 में किया गया था। लेकिन अब यह स्कूल संचालन लायक नहीं है। पिछले 3 साल से छत की पपड़ियां फ्लोर में गिरना शुरू हो चुकी हैं।

इसलिए पालक और जनभागीदारी समिति की बैठक की गई थी। बैठक में यह फैसला लिया गया था कि क्लासेस स्कूल के बाहर ही पेड़ के नीचे संचालित होंगी। स्कूल के प्रधान पाठक लखन कश्यप ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए पेड़ के नीचे स्कूल का संचालन हो रहा है। समिति द्वारा भवन मरम्मत व नए भवन की मांग को लेकर किए गए प्रस्ताव की प्रति सहित मांग पत्र शिक्षा विभाग व कलेक्टर को अगस्त माह में ही भेज दिया गया है।

वहीं कांडपारा के अलावा 4 और स्कूल हैं। जिनकी हालत खराब है। इसमें गंगराजपुर, पाण्डेपारा, मूंगिया, कूरलापारा को भी अति जर्जर की सूची में रखा गया है। इन चारों स्कूल में बच्चे जर्जर भवन के नीचे ही बैठ रहे हैं। ऐसे में कभी भी हादसा होने का डर बना हुआ है। प्रशासन की तरफ से भी अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है । मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर ने बताया कि मरम्मत के लिए शासन प्राप्त आबंटन को मांग के अनरूप मरम्मत के लिए संबंधित ब्लॉक के लिए भेजा गया है। जिला पंचायत को मरम्मत की राशि दे दिया गया है। प्राथमिकता के आधार पर बनी लिस्ट के अनुसार रुपए जल्द ही संबंधित पंचायतों को दे दिए जाएंगे।

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