जगदलपुर । छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के 23 साल का एक युवक अब तक 22 बार रक्तदान कर चुका है। सिर्फ दंतेवाड़ा में ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी जाकर कई जरूरतमंद को रक्त दिया है। जो लोगों के लिए एक प्रेरणा बना है। युवा ने बताया कि, अपना रक्त देकर लोगों की मदद करने से बहुत खुशी मिलती है, क्योंकि उनकी जिंदगी बचती है। इस नेक काम को देखकर इनके दोस्तों ने भी इससे प्रेरणा ली और अब वे भी जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। दंतेवाड़ा जिले के गीदम नगर पंचायत के वार्ड नंबर 12 के रहने वाले शैलेंद्र सिंह 18 साल की उम्र से रक्तदान करते आ रहे हैं। शैलेंद्र ने बताया कि, 5 साल पहले 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी कर दंतेवाड़ा के कॉलेज गया था। उस दौरान एक दोस्त के परिवार के सदस्य अस्पताल में एडमिट थे। कॉलेज से शैलेंद्र सीधे अस्पताल गया। वहां पर देखा कि एक अन्य परिवार के सदस्य अपनी 8 साल की बच्ची के लिए ब्लड की तलाश में यहां-वहां भटक रहे थे। यह नजारा देख शैलेंद्र का दिल पसीजा और उन्होंने उस परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
जब पता चला कि बच्ची को B+ ब्लड की आवश्यकता है तो डॉक्टर की सलाह लेते हुए फौरन एक यूनिट ब्लड दिया। शैलेंद्र ने बताया कि, ब्लड देते समय थोड़ी घबराहट जरूर हुई थी। डर भी लगा कि कहीं शरीर कमजोर ना हो जाए। लेकिन ब्लड देने के बाद बच्ची के परिजनों के चेहरों की खुशी देखकर दिल को सुकून मिला। जिसके बाद हर जरूरतमंदों को रक्तदान करने की ठान ली। युवा ने बताया कि, केवल दंतेवाड़ा में ही नहीं बल्कि पड़ोसी जगदलपुर व बीजापुर तक जाकर मरीजों को ब्लड दिया है। अगली बार ब्लड दे सके इस लिए अपनी फिटनेस का भी ख्याल रखता है।