11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, भूपेश के केंद्र पर निशाना
11 राज्यों में गहराया बिजली संकट, भूपेश के केंद्र पर निशाना

रायपुर। देश में कोयले की कमी के चलते के कई राज्यों में बिजली संकट की आशंका गहरा गई है। राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है। ऐसे में थर्मल पॉवर प्लांट को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने और तुरंत कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित कराने की अपील की है। वहीं, केंद्र सरकार और ऊर्जा मंत्री ने देश में कोयले की कमी नहीं होने का दावा किया है।

केंद्र सरकार के इस दावे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र पर तीखा हमला बोला है। भूपेश बघेल ने सवाल किया कि अगर देश में कोयला की पर्याप्त मात्रा है तो देश भर में बिजली संयंत्र क्यों बंद हो रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा `केंद्र का दावा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, लेकिन बिजली संयंत्र बंद हो रहे हैं। यह झूठे दावे क्यों किए जा रहे हैं, कोयला आयात बंद होने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। आखिर केंद्र सरकार इस पर क्या सोच रही है। उन्होंने कहा, जहां तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, मैंने कोयले की आपूर्ति को लेकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), बिजली और रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि कोयले की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा था कि उनके यहां के बिजली संयंत्रों में केवल एक ही दिन का कोयला बचा रह गया है। ऐसे में यदि जल्द आपूर्ति नहीं की गई तो संयंत्र बंद हो सकते हैं। केजरीवाल के अलावा दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इससे पहले दिन में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी को पहले की आधी बिजली मिल रही है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को पहले 4,000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन अब उसे आधी भी नहीं मिल रही है। ज्यादातर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है। किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक 15 से कम नहीं होना चाहिए। स्टॉक केवल दो से तीन दिनों के लिए बचा है।

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