रायपुर। छत्तीसगढ़ में गृह निर्माण मंडल के आवासीय और व्यावसायिक भवन अब फ्री होल्ड नहीं होंगे! हाउसिंग बोर्ड ने फ्री होल्ड की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश जारी किया है.
क्यों लिया गया ये फैसला?
- जमीन का मालिकाना हक: फ्री होल्ड से पहले भवन खरीदने वालों को जमीन का मालिकाना हक मिलता था.
- समस्याएं: फ्री होल्ड प्रक्रिया में कई तरह की दिक्कतें आ रही थीं.
- रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण: राजस्व अभिलेख में नामांतरण होने पर भूमि स्वामी के नाम तो दर्ज हो जाता था, लेकिन रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण नहीं होने के कारण धारणाधिकार / राजस्व भू उपयोग में आवासीय के स्थान पर “कृषि अथवा शासकीय भूमि” दर्शित होता था.
- जटिल प्रक्रिया: इसके कारण हितग्राहियों को व्यपवर्तन के पुर्ननिर्धारण की जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा था.
- अतिरिक्त भुगतान: प्रीमियम, वार्षिक पुनरीक्षित भू राजस्व, अधोसंरचना उपकर, पर्यावरण उपकर, वर्तमान दर पर अर्थदण्ड का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा था.
क्या हुआ अब?
- फी-होल्ड पर रोक: अब फ्री होल्ड नहीं होगा, बल्कि फी-होल्ड होगा. धारणाधिकार में कृषि दर्शित भूमि के फी-होल्ड पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.
इस फैसले से हाउसिंग बोर्ड के मकान खरीदने वालों को अब कई समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.