छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर में स्थित पीपलखूंटा स्कूल में 4 सितंबर को परोसे गए मध्यान्ह भोजन में छिपकली मिलने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद 25 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए हैं, जिसमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस गंभीर घटना के बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए:
- स्कूल का मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाली “जय दुर्गा समूह” को भोजन संचालन से हटा दिया है।
- “जय दुर्गा समूह” के सभी सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
- स्कूल के प्रधान पाठक संतोष जगत को निलंबित कर दिया गया है।
- मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक लैबानो खरसैल के निलंबन के लिए सहायक संचालक को प्रस्ताव भेजा गया है।
डीईओ आनंद सारस्वत ने बताया कि स्कूल में भोजन चखने की प्रक्रिया और पंजीकरण की व्यवस्था में गंभीर लापरवाही पाई गई है।
इस घटना के बाद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। यह पहला मामला है जहां छत्तीसगढ़ में एमडीएम संचालन में लापरवाही पर प्रशासन ने इतनी कड़ी कार्रवाई की है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह घटना एक बार फिर से शिक्षा विभाग और प्रशासन के लिए एक बड़ा सबक है। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
ऐसे स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा पर नजर रखना बेहद ज़रूरी है। भोजन तैयार करने से पहले चखना और पंजीकरण करना भी बेहद ज़रूरी है। स्कूलों में भोजन संचालन की व्यवस्था में पारदर्शिता लाना भी ज़रूरी है।
यह घटना एक बड़ा झटका है, लेकिन इस घटना से यह सीख मिलती है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर हम सभी को ज़िम्मेदारी और सजग रहना चाहिए।