छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले के संबंध में की गई इस छापेमारी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।
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- छत्तीसगढ़ डीएमएफ घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 1.11 करोड़ फ्रीज और 76 लाख नकद जब्त।
- छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में ईडी की छापेमारी से डीएमएफ घोटाले का पर्दाफाश।
- छत्तीसगढ़ डीएमएफ घोटाला: सरकारी अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत का खुलासा।
- ईडी ने छत्तीसगढ़ डीएमएफ घोटाले में 8 बैंक खाते किए फ्रीज, कई दस्तावेज जब्त।
- छत्तीसगढ़ में खनन से जुड़े डीएमएफ फंड के दुरुपयोग पर ईडी की कड़ी कार्रवाई।
डीएमएफ घोटाले का खुलासा
डीएमएफ, जो खननकर्ताओं द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है, का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य करना था। लेकिन ईडी की जांच में पता चला कि इस फंड का दुरुपयोग किया गया। राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत से ठेकेदारों ने सरकारी खजाने से अवैध तरीके से पैसे निकाले।
ईडी की कार्रवाई के मुख्य बिंदु
- चार स्थानों पर छापेमारी की गई
- 1.11 करोड़ रुपए फ्रीज किए गए
- 76 लाख रुपए नकद बरामद
- 8 बैंक खाते फ्रीज
- कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त
घोटाले का तरीका
जांच में पता चला कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को अनुबंध मूल्य का 25% से 40% तक कमीशन दिया। रिश्वत के लिए नकदी जुटाने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।
आगे की कार्रवाई
ईडी ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। यह घोटाला छत्तीसगढ़ के विकास पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है।