महासमुंद: महासमुंद जिले के तहसील कोमाखान में 119 ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम शुरू हो गया है। यह काम जोरों पर चल रहा है और तहसील के 1,14,000 खसरों में से 3000 खसरों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।
कलेक्टर का औचक निरीक्षण
सोमवार को कलेक्टर विनय लंगेह ने तहसील कोमाखान में डिजिटल क्रॉप सर्वे का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की अंतिम सीमा पर स्थित ग्राम टेमरी में सर्वेयरों द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण का अवलोकन किया।
कैसे हो रहा सर्वे?
डिजिटल क्रॉप सर्वे में हल्का पटवारी सर्वेयरों को टास्क देते हैं। सर्वेयर खेतों में जाकर खसरा नंबर, भूमि-स्वामी का नाम, फसल का प्रकार, फोटो, लांगिट्युट और लेटिट्युट जैसे जानकारी ऑनलाइन अपलोड करते हैं। हल्का पटवारी, राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार सर्वे का सत्यापन करते हैं।
क्या है विशेषता?
सर्वे में भूमि पड़त होने की स्थिति में भी जानकारी अपलोड की जाती है। सॉफ्टवेयर में जियोरिफेस्ड रकबा के अनुसार सर्वे किए गए रकबा का योग समान होने पर डेटा सुरक्षित होता है। सर्वेयर को खेतों के अंदर जाकर फोटो लेना जरूरी है।
सर्वेयरों को तहसीलदार द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी खसरे के मेंड़ में खड़े होकर फोटो नहीं लेना है। फसल की जानकारी भी सही-सही देनी होगी। धान खरीदी का कार्य हल्का पटवारी द्वारा किए गए गिरदावरी के आधार पर किया जाएगा।
कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समय सीमा में सर्वे का कार्य पूरा करें। सरायपाली तहसील में सबसे अधिक सर्वे किया गया है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान
कलेक्टर ने ग्राम टेमरी में स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत ग्राम का पैदल चलकर भ्रमण किया। उन्होंने पंचायत और ग्रामीणों द्वारा किए गए सफाई व्यवस्था की सराहना की। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को मिलने वाले पौष्टिक आहार के बारे में भी जानकारी ली।
यह डिजिटल क्रॉप सर्वे राजस्व व्यवस्था को आधुनिक बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे कृषि भूमि का रिकॉर्ड अधिक सटीक और पारदर्शी बनेगा।