रायपुर में चक्रधर समारोह के दूसरे दिन कथक और ओडिसी नृत्यों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना डॉ. पूर्णाश्री राउत ने भगवान जगन्नाथ को समर्पित धार्मिक पूजा गीत को ओडिसी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। उनकी भाव भंगिमा युक्त प्रस्तुति ने दर्शकों को भक्तिमय माहौल में डुबो दिया।
दिल्ली से पहुंची लखनऊ घराने की कथक नृत्यांगना सुश्री दीपान्निता सरकार और जयपुर घराने के कलाकार सौरभ ने लखनऊ और जयपुर घराने के कथक का बेजोड़ संगम प्रस्तुत किया। नर्तकों की संगत में हारमोनियम, बांसुरी, तबले और पखावज की ध्वनि ने संगीत की गहराई और सूक्ष्मता को दर्शाया।
दिल्ली की सुश्री ए. मंदाकिनी स्वैन ने राग जोश शैली में “साजना मोरा घर आवै” गाकर सबका मन मोह लिया। उन्होंने श्याम कल्याण की भी प्रस्तुति दी।
कोलकाता से आए प्रसिद्ध सरोद वादक सौगत गांगुली की प्रस्तुति में पारंपरिकता और आधुनिकता का संगम देखने को मिला। सरोद की तरल ध्वनि और तबले की थाप का अद्भुत मेल संगीत की भावनात्मकता को उजागर करता था।
दिल्ली की पद्मश्री रंजना गौहर ने ओडिसी नृत्य के माध्यम से कबीर की जीवन यात्रा को जीवंत किया। उनकी प्रस्तुति में कबीर के जीवन के अलग-अलग पड़ावों को नृत्य मुद्राओं से रोचक तरीके से दर्शाया गया।
लोक गायक विजय शर्मा और उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ी गानों से दर्शकों का दिल जीत लिया।
भोपाल की शास्त्रीय गायिका वाणी राव ने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी।
चक्रधर समारोह में सभी कलाकारों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया और दर्शकों का मन मोह लिया।