छत्तीसगढ़ में 29 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा! इस दिन प्रदेश के सभी 1 से 19 साल के बच्चों और किशोर-किशोरियों को कृमिनाशक दवा खिलाई जाएगी।
क्यों ज़रूरी है कृमिनाशक दवा?
बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कृमिनाशक दवा देना बहुत ज़रूरी है। यह उनके अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर पोषण, नियमित शिक्षा तक पहुँच और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करती है।
कैसे किया जाएगा दवा का सेवन?
- आंगनबाड़ी केंद्रों, शासकीय विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में बच्चों को एल्बेन्डाजॉल 400 एमजी की दवा खिलाई जाएगी।
- शिक्षक स्कूलों में और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा का सेवन कराएंगे।
- 4 सितंबर 2024 को मॉप-अप दिवस मनाया जाएगा जिसमें दवा सेवन से छूटे हुए बच्चों को दवा खिलाई जाएगी।
क्या हैं फायदे?
- दवा सेवन से बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्तर में सुधार आएगा।
- एनीमिया की रोकथाम होगी।
- बौद्धिक विकास होगा।
- स्कूल में उपस्थिति में सुधार आएगा।
क्या हैं सावधानियां?
- कृमिनाशक दवा बच्चों, किशोरों और किशोरियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।
- कुछ बच्चों में जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान जैसे सामान्य प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं।
- ऐसे मामलों में बच्चों को पीने का साफ़ पानी दें और उन्हें अपनी निगरानी में रखें।
कितनी बार देना चाहिए दवा?
- बच्चों को साल में दो बार कृमिनाशक दवा देना ज़रूरी है।
माता-पिता के लिए ज़रूरी जानकारी:
- पेट में कृमि होने के कई तरह की समस्या हो सकती हैं।
- बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगना, खाने में रूचि घटना, अधिक भोजन करने के बावजूद शरीर में वज़न नहीं बढ़ना ये सब कृमि के लक्षण हो सकते हैं।
- कृमिनाशक दवा खिलाने से बच्चे एनीमिया का शिकार होने से बच सकते हैं, मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है और बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
यह राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस छत्तीसगढ़ के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि सभी बच्चों को कृमिनाशक दवा का लाभ मिले।