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भारत के भाग्यविधाता सरदार वल्लभ भाई पटेल

स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष को परिणति तक पहुंचने के ऐन पहले पांच सौ से ज्यादा देसी रियासतों में बंटे भारत वर्ष को एकसूत्र में पिरोकर भारत संघ में शामिल करना एक असंभव काम था. इसके लिए रियासतों को राजी करना, फिर आजादी के साथ ही मिले विभाजन के बेहद खुरदरे जख्म पर मखमली मरहम लगाना, […]

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हिन्दू अर्थशास्त्र Book Opinion

By Devendra Kumar जागृति मंडल में यह पुस्तक मात्र तीन नग बचा हुआ था। जिसमें से दो पुस्तक किसी पाठक ने ले गए। यह पुस्तक सम्भवतः इसलिए बच गया क्योंकि इसे मैंने उसके स्थान से उठा कर अन्यत्र रख दिया था। यह मेरे ही भाग्य में था। जो मुझे मिल गया। रायपुर से कोरबा आते […]