CHIRAG PARIYOJANA (1), चिराग परियोजना के द्वारा बदलेगा सरगुजा संभाग, आर्थिक और पोषण के क्षेत्र में होगा कार्य
CHIRAG PARIYOJANA (1), चिराग परियोजना के द्वारा बदलेगा सरगुजा संभाग, आर्थिक और पोषण के क्षेत्र में होगा कार्य

विश्व बैंक की सहायता से ’छत्तीसगढ़ इन्क्लुसिव रूरल एण्ड ऐक्सलीरेटेड एग्रीकल्चर ग्रोथ प्रोजेक्ट’ चिराग का क्रियान्वयन राज्य में किया जाएगा। ’चिराग’ परियोजना के माध्यम से सरगुजा और बस्तर में कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कार्य किए जाएंगे एवं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी का उन्मुखीकरण विभिन्न विभागीय योजनाओं के समन्वय से किया जाएगा।

सरगुजा संभाग में कृषि एवं उससे संबंधित विभागों को विश्व बैंक से आर्थिक सहायता प्रदान कर लोगों के आय एवं पोषण स्तर में सुधार कर विकास को गति देने के उद्देश्य से संभागायुक्त ईमिल लकड़ा की उपस्थिति में आज यहां जिला पंचायत के सभा कक्ष में विश्व बैंक की टीम की संभाग स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में ग्रामीण आजीविका सृजन, किसानों के आमदनी में वृद्धि, स्व सहायता समूहों का सशक्तिकरण एवं पोषण में सुधार हेतु विश्व बैंक से आर्थिक सहायतित, नवीन परियोजना चिराग के माध्यम से राज्य शासन के योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की गई। बताया गया कि संभाग के जिलों में चिराग परियोजना जनवरी 2020 से प्रारंभ की जाएगी।

कमिश्नर लकड़ा ने कहा कि सरगुजा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण विकास की आवश्यकता है। विकास को गति देने के लिए कृषि ,उद्यान, पशुपालन, मछली पालन, वन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग को इकाई के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों को बैठक में दी जाने वाली जानकारियों को आत्मसात कर अपने-अपने जिले की आवश्यकता एवं समस्या की पहचान कर विकासखंड स्तर में कार्ययोजना तैयार करें।

विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारी राज गांगुली ने कहा कि छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जहॉ प्राकृतिक संसाधनों की कमी नही है, लेकिन गरीबी, कुपोषण तथा मानव विकास धीमा है। क्षेत्र की समस्याओं को समझते हुए विकास का नया तरीका ढूंढना है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना बहुत अच्छा है। इसको विस्तार करने की आवश्यकता है और इसके सभी घटकों पर फोकस करना है। विश्व बैंक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा लेकिन फील्ड में स्थानीय लोगों को ही काम करना है। किसानों के कृषि उत्पादों के लिए बाजार, विपणन तथा मंडी की जरूरत को पूरा करना होगा। वहीं वनोपज की भी बेहतर मार्केटिंग की सुविधा विकसित करनी होगी।

क्लेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने कहा कि विभागों ने अपनी समस्याएं रखीं हैं तथा विश्व बैंक की टीम ने भी फीड बैक लिया है। चिराग के माध्यम से कृषि एवं संबंधित विभाग यहाँ दी गयी जानकारी के अनुसार कार्य योजना तैयार करें। इस अवसर पर कलेक्टर सूरजपुर दीपक सोनी, जिला पंचायत सरगुजा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा, जिला पंचायत कोरिया की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति, वन मंडलाधिकारी सरगुजा पंकज कमल, सहायक कलेक्टर अभिषेक शर्मा सहित पांचों जिले के कृषि, उद्यान, मछली पालन,पशु पालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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