धर्मान्तरण रोकने सात दिनों में 15 गांव पहुंची पदयात्रा
धर्मान्तरण रोकने सात दिनों में 15 गांव पहुंची पदयात्रा

बसना। प्रदेश में अभी धर्मान्तरण तेजी से पैर पसार रहा है। बीतें दिनों ही सोशल मीडिया के माध्यम से दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में धर्मांतरण करवा रहे कुछ लोगों का और उन्हें रोकते हुए कुछ हिन्दू संगठनों का वीडियो वायरल हुआ था। ऐसे में धर्मांतरण रोकने के प्रति जनजागरूकता अति आवश्यक है। इसी तारतम्य में भाजपा दुर्ग जिला के प्रभारी एवं पूर्व क्रेडा अध्यक्ष पुरन्दर मिश्रा एवं भाजयुमो प्रदेश पदाधिकारी पियुष पुरन्दर मिश्रा द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती 25 सितम्बर से महात्मा गांधी जी की जयंती 2 अक्टूबर तो अंत्योदय जनजागरण पदयात्रा निकाली गई जिसमें धर्मान्तरण न करने हेतु लोगों को जागरूक किया गया,सामान्यत: तो यह यात्रा विगत 24 वर्षों से अनेक उद्देश्यों को लेकर अनवरत चल रही है पर इस वर्ष ज्वलंत मुद्दे को गम्भीरता से लिया गया था,बताते चलें कि 7 दिनों की इस पदयात्रा में पदयात्रियों का दल बसना विधानसभा के अलग अलग क्षेत्र के अलग अलग गांवों तक गयी, इस वर्ष यह यात्रा इसलिए भी अहम रही क्योंकि वर्ष 2021 में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, गांधी जी के छत्तीसगढ़(रायपुर) आगमन का यह 100वां वर्ष तो तो पदयात्रा भी अपने रजत वर्ष(25 वां) पर थी।

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शहरों के अलावा अंतिम पंक्ति के गांवों तक इस पदयात्रा के पहुंचने के कुछ मुख्य उद्देश्यों में धर्मांतरण के खिलाफ जनजागरूकता के अलावा,स्वच्छ भारत अभियान,लक्ष्य अंत्योदय, क्षारोपण, हरिहर छत्तीसगढ़, नशामुक्ति,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,मेरा गांव मॉडल गांव,रक्तदान के प्रति जनजागरूकता,प्लास्टिक मुक्त भारत,धर्म जागरण, और अपने गांव को स्वच्छ एवं सुंदर रखना जैसी बातें समाहित थी। इस वर्ष पदयात्रा को लेकर ग्रामीणों में भी खासा उत्साह देखने को मिला 24 वर्षों से नि:स्वार्थ चल रही इस यात्रा को प्रबल जनसमर्थन मिला एवं गांवों में जनसैलाब उमड़ पड़ा था,इसकी एक वजह ये भी है कि इतने वर्षों में इस यात्रा के माध्यम से अनेक जनकल्याणकारी कार्य किये गए हैं जिनमे कई कार्य ऐसे हैं जो वर्षों से लंबित थीं,पुराने दिनों को याद करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पदयात्रा के माध्यम से श्री मिश्रा हमारे गांवो तक आते हैं हमसे रूबरू होते हैं और हमारी समस्याओं को सुनते हैं तथा यथासंभव लड़ भीड़ के उनको पूरा कराने का प्रयास करते हैं हमारे गांवों में कई लम्बित और उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।

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