माता को माता ही कहेंगे पशु या जानवर कहकर नहीं बुलाएंगे : महन्त
माता को माता ही कहेंगे पशु या जानवर कहकर नहीं बुलाएंगे : महन्त

जांजगीर। गौ माताओं की जितनी बुरी स्थिति विगत 15 वर्षों में हुई उतनी चारों युग में कभी भी देखने को नहीं मिला एक तरफ वे लोग गौ माता की जय का नारा लगाते रहे और दूसरी ओर गौमाता सड़क पर आ गई यह विडंबना ही है कि यह सब धर्म, अध्यात्म, सभ्यता, संस्कृति को मानने के ढिंढोरा पीटने वाले लोगों के कार्यकाल में देखने को मिला यह बातें छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत स्थित ग्राम पेंड्री एवं सिउड़ के कार्यक्रम में उपस्थित आम जनता को संबोधित करते हुए अभिव्यक्त की विदित हो कि राजेश्री महन्त जी महाराज सेड निर्माण के लिए भूमि पूजन के कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य महिला आयोग की सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर ने की,अतिथियों के स्वागत के पश्चात विधिपूर्वक भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर आशीर्वचन प्रदान करते हुए राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि गौठानों में सेड का निर्माण इसलिए किया जा रहा है कि यहां पर गौ माताएं सर्दी,गर्मी या बरसात के दिनों में सुख पूर्वक बैठ सके हमें मनुष्यों की तरह अन्य जीव-जंतुओं की भी सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए, यह संसार ईश्वर ने हम सभी के लिए बनाया है। विगत 15 वर्षों में एक ऐसी सरकार ने छत्तीसगढ़ में राज्य किया जिसके लोग गौ माताओं की जय- जय कार तो करते थे लेकिन उनकी मानसिकता समय आने पर सबके सामने उजागर हो गई। उनके एक वरिष्ठ नेता ने गौ माताओं पर तंज कसते हुए यहां तक कहा कि गोबर को राजकीय चिन्ह घोषित करना चाहिए यही उनमें और हम में अंतर है। हम लोग कहते नहीं करते हैं। हम लोगों ने कभी यह नहीं कहा था कि हमारी सरकार आने पर गौ माताओं के लिए गौठान बनाएंगे, गोधन न्याय योजना लागू करेंगे,पीने के पानी की टंकी व्यवस्था की जाएगी, उनके रहने के लिए सेड का निर्माण करेंगे। लेकिन यह सब कार्य आप सबके सामने है। हम यह नहीं कहते कि हमने पूरी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि पहले से इस क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *