बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ विधानसभा के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह रायपुर दक्षिण (पहले रायपुर शहर) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और 1990 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी लंबा और उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।
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प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक शुरुआत:
अग्रवाल का जन्म रायपुर में 1 मई 1959 को हुआ था। छात्र जीवन से ही उनकी राजनीति में रूचि थी और उन्होंने 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1984 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य बने और 1988 से 1990 तक भाजयुमो के युवा मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
राजनीतिक सफर:
1990 में मात्र 31 साल की उम्र में वह पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा (छत्तीसगढ़ अभी अलग राज्य नहीं बना था) के लिए रायपुर से चुने गए। इसके बाद वह लगातार 8 बार विधायक चुने जा चुके हैं, जो उनके राजनीतिक कौशल और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
अग्रवाल अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रह चुके हैं, जिनमें गृह, कृषि, सिंचाई, जल संसाधन, बायो टेक्नोलॉजी, पशुपालन, मछली पालन और धार्मिक ट्रस्ट विभाग शामिल हैं। उन्हें “छत्तीसगढ़ का चाणक्य” भी कहा जाता है, जो उनकी कुशल रणनीतिक सोच और राजनीतिक दूरदर्शिता को दर्शाता है।
प्रमुख उपलब्धियां:
- राजिम कुंभ महोत्सव को राष्ट्रीय स्वरूप देना: धर्मस्व मंत्री रहते हुए उन्होंने राजिम को कुंभ का दर्जा दिलाया और इसे एक प्रमुख आयोजन के रूप में स्थापित किया।
- रायपुर शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान: रायपुर के विकास में उनकी अहम भूमिका रही है, जिसमें बुनियादी ढांचे में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार शामिल है।
- कृषि क्षेत्र में सुधार: कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं।
विवाद:
अग्रवाल के राजनीतिक करियर में कुछ विवाद भी रहे हैं, जिनमें कुछ भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है।