गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में छात्रावासों में बड़ी गड़बड़ सामने आई है। कलेक्टर लीना मंडावी ने बीते दिनों छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया, जिसमें कई व्यवस्थाओं की कमी पाई गई। निरीक्षण के दौरान, मरवाही विकासखंड के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के बालक और बालिका छात्रावासों में बच्चों की उपस्थिति तय संख्या से कम पाई गई।
कलेक्टर ने पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक और बालिका छात्रावास मरवाही, प्री मैट्रिक आदिवासी बालक और कन्या छात्रावास सिवनी, कमला नेहरू प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास निमधा और प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास निमधा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जब कलेक्टर ने अधीक्षकों से बच्चों की अनुपस्थिति का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि बच्चों को दशहरा अवकाश में घर भेज दिया गया था। लेकिन, दशहरा अवकाश 7 अक्टूबर से शुरू होता है!
कलेक्टर ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
कारण बताओ नोटिस जारी
कलेक्टर ने कुल 6 अधीक्षकों को बच्चों की अनुपस्थिति को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसका उत्तर उन्हें तीन दिनों के भीतर देना होगा।
नोटिस प्राप्त करने वाले अधीक्षकों में शामिल हैं:
- गायत्री कथ्य – अधीक्षक, पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मरवाही: 50 में से 34 छात्राएं उपस्थित.
- भगवान सिंह पैकरा – अधीक्षक, पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास मरवाही: 50 में से 26 छात्र उपस्थित.
- राकेश प्रजापति – अधीक्षक, प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास सिवनी: 20 में से कोई छात्र उपस्थित नहीं, अधीक्षक भी गायब.
- श्रद्धा भोई – अधीक्षक, प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास सिवनी: 50 में से 25 छात्राएं उपस्थित.
- सुनीता मरावी – अधीक्षक, प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास निमधा: 20 में से 6 छात्राएं उपस्थित.
- राजेश तिवारी – अधीक्षक, प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास निमधा: 20 में से 8 छात्र उपस्थित.
यह मामला छात्रावासों की देखरेख और छात्रों के शिक्षा के साथ लापरवाही को उजागर करता है। कलेक्टर की सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।