दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बस्तर और दंतेवाड़ा की सीमा पर स्थित बागमुंडी पनेडा कन्या आश्रम में एक भावुक पल देखने को मिला। यहां आश्रम की अधीक्षिका का ट्रांसफर होने पर छात्राएं बिछड़ने के गम में डूब गई और रोने लगीं।
अधीक्षिका और छात्राओं का बंधन: अधीक्षिका लंबे समय से आश्रम में पदस्थ थीं और छात्राओं के साथ उनका एक गहरा आत्मीय संबंध बन गया था। जैसे ही छात्राओं को अधीक्षिका के ट्रांसफर की जानकारी मिली, वे उदास हो गईं और उनके जाने से पहले उन्हें घेर कर हाथ पकड़ कर रोने लगीं।
मीडिया का रोकना: जब इस घटना की जानकारी मीडिया तक पहुँची तो मीडिया टीम भी वहां पहुँची। लेकिन नई अधीक्षिका ने छात्राओं से बात करने के लिए मीडिया को रोक दिया। इसके बावजूद, बाहर से ही यह दृश्य कैमरे में कैद हो गया।
अधीक्षिका का बयान: ट्रांसफर की गई अधीक्षिका ने बताया कि छात्राओं के साथ उनके भावनात्मक संबंध के कारण बच्चे रोने लगे जब वह आश्रम से बाहर जाने लगीं।
भावनात्मक बंधन: यह घटना यह दिखाती है कि कैसे छात्राओं और अधीक्षिका के बीच भावनात्मक बंधन बन जाता है। आश्रम में छात्राओं के लिए अधीक्षिका केवल एक अधिकारी नहीं, बल्कि एक मां की भूमिका भी निभाती हैं।